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Wednesday, October 15, 2025

फिजिक्स का नोबल पुरस्कार 2025 | टू स्टेबल स्टेट्स | क्वांटम टनलिंग क्या है? | मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट के उदाहरण | एनर्जी क्वान्टाईजेशन | क्लासिकल फिजिक्स और दूसरा क्वांटम फिजिक्स

 



क्लासिकल फिजिक्स और क्वांटम फिजिक्स

सरल शब्दों में कहा जाय तो पदार्थ के भौतिक गुणों का अध्ययन भौतिक विज्ञान या फिजिक्स कहलाती है. भौतिक गुण वे गुण होते हैं जिनकी अनुभूति हम अपनी ज्ञान इन्द्रियों यानि आंख, नाक, कान, जीभ और त्वचा से कर सकते हैं. जैसे किसी पदार्थ का आकार, रंग, उससे निकलने वाली ध्वनि, उसका ताप तथा स्वाद इत्यादि.



एक ही दुनिया में दो तरह की फिजिक्स क्यों?

क्या आपने कभी सोचा है — एक ही दुनिया में दो तरह की फिजिक्स क्यों. एक क्लासिकल फिजिक्स और दूसरा क्वांटम फिजिक्स.

क्लासिकल फिजिक्स और क्वांटम फिजिक्स की विषय वस्तु

क्लासिकल फिजिक्स मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स अर्थात ऐसी वस्तुएं जिन्हें हम आँखों से देख सकते हैं जैसे कार, पुस्तक, गेंद, ग्रह आदि की गति और ऊर्जा से सम्बंधित नियमों की व्याख्या करता है. जबकि क्वांटम फिजिक्स माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स अर्थात अति सूक्ष्म कणों जैसे परमाणु, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, फोटोन आदि के व्यवहार की व्याख्या करता है.

स्थिति का अनुमान

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स वस्तुओं की स्थिति का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है. लेकिन माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स संभाव्य (Probabilistic) होते हैं. अर्थात उनकी स्थिति का सटीक अनुमान लगाना कठिन है, उनकी स्थिति की केवल केवल संभावना (probability) व्यक्त की जा सकती है।





ऊर्जा स्तर में परिवर्तन

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स में ऊर्जा सतत (continuous) अपना स्वरुप बदलती रहती है, मानो ऊर्जा एक स्लाईड पर फिसल रही हो. जबकि माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स में ऊर्जा असतत (discrete) होती है, यानी यह एक बार में सिर्फ एक क्वांटा (quanta) ही बढती या घटती है। मानो ऊर्जा सीढी चढ़ रही हो.



एनर्जी क्वान्टाईजेशन

किसी परमाणु की कक्षा में इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित ऊर्जा स्तरों में ही रह सकते हैं। वे इन स्तरों के बीच कहीं भी नहीं रह सकते हैं। जब वे एक ऊर्जा स्तर से दूसरे ऊर्जा स्तर में जाते हैं, तो वे एक फोटॉन को अवशोषित या उत्सर्जित करते हैं, जो एक निश्चित मात्रा की ऊर्जा होती है। इसे एनर्जी क्वान्टाईजेशन कहा जाता है.

क्वांटा

क्वांटा उस ऊर्जा की सबसे छोटी इकाई है जिसे माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स यानी इलेक्ट्रोन अवशोषित या उत्सर्जित कर सकता है। 

वेव-पार्टिकल दुएलिटी

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स की दुनिया में पार्टिकल और वेव को अलग-अलग माना जाता है, लेकिन माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स की दुनिया में दोनों एक साथ यानी वेव-पार्टिकल दुएलिटी के रूप में मौजूद रहते हैं।



भौतिकी के नियमों का पालन

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स न्यूटन के गति के नियम का पालन करते हैं लेकिन माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स न्यूटन के गति के नियमों को नहीं मानते हैं. ये श्रोडिंगर समीकरण, हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धांत आदि का समर्थन करते हैं.

मापन पर अवस्था परिवर्तन

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स का मापन करने से उसका परिणाम नहीं बदलता है, जबकि माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स का मापन करने या ओबजर्व करने से पार्टिकल की अवस्था बदल जाती है। किसी भी वस्तु को देखने या मापने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है, लेकिन जब प्रकाश की किरणे माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स पर पड़ती हैं तो वे प्रकाश के ऊर्जा पैकेट्स यानी फोटोन को अवशोषित कर अपनी अवस्था बदल लेतें हैं.



हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत

मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स की दुनिया में किसी वस्तु की स्थिति और वेग दोनों को सटीक ज्ञात किया जा सकता है, लेकिन माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स की दुनिया में अनिश्चितता सिद्धांत लागू होता है यानी उनकी स्थिति और वेग दोनों को एक साथ सटीक ज्ञात नहीं किया जा सकता। हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत यह कहता है कि किसी माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल की स्थिति और संवेग दोनों को एक साथ पूरी सटीकता के साथ जानना असंभव है. यह क्वांटम फिजिक्स का एक मौलिक सिद्धांत है.



श्रोडिंगर समीकरण

माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल्स की गति को नियंत्रित करने वाली संभाव्यता तरंगों या तरंग फलनों की व्याख्या सिर्फ श्रोडिंगर समीकरण के जरिये की जा सकती है.

टू स्टेबल स्टेट्स

माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स में क्वांटम सुपरपोज़िशन की घटना घटित होती है, यानी माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स जिन्हें क्वांटम पार्टिकल (जैसे इलेक्ट्रॉन) भी कहा जाता है एक ही समय में कई अवस्थाओं में रह सकता है, जब तक कि उसे ओबजर्व न किया जाए। इसे "एक साथ दो स्थिर अवस्थाओं में (टू स्टेबल स्टेट्स)" या क्वांटम स्टेट में होना कहते हैं।

फिजिक्स का नोबल पुरस्कार 2025

अमेरिका के तीन वैज्ञानिकों जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस को इलेक्ट्रिक सर्किट्स में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग और एनर्जी क्वान्टाईजेशन की खोज के लिये सयुक्त रूप से 2025 का फिजिक्स का नोबल पुरूस्कार प्रदान किया गया.

प्रयोग

जॉन क्लार्क, मिशेल डेवोरेट और जॉन मार्टिनिस ने 1984-85 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में एक खास प्रयोग किया. उन्होंने दो सुपरकंडक्टर बीच इन्सुलेटर की थिन लेयर लगाकर एक इलेक्ट्रिक सर्किट बनाया, जब उन्होंने  एक हाई स्पीड इलेक्ट्रोन को इस सर्किट में फ्लो करवाया तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा उन्होंने पाया कि सुपर कंडक्टर्स के बीच इन्सुलेटर की थिन लेयर होने के बावजूद चार्ज पार्टिकल्स ने इसे टनल बना कर पार कर लिया. यह प्रयोग दिखाता है कि क्वांटम प्रभाव बड़े सिस्टम में भी काम कर सकते हैं, और इसे नियंत्रित करना संभव है।

क्वांटम टनलिंग क्या है?

क्वांटम टनलिंग क्वांटम फिजिक्स का मौलिक सिद्धांत है, इसके अनुसार जब किसी माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल के सम्मुख कोई एनर्जी बैरियर आ जाता है, तो वह माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल बैरियर पर रुकने की बजाय उसे ऐसे पार कर जाता है, मानो उसने कोई सुरंग बना ली हो, भले ही उसके पास बैरियर को पार करने के लिए पर्याप्त एनर्जी हो या न हो. यह वेव पार्टिकल डूएलटी के सिद्धांत पर आधारित है, जो कहता है कि माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स में पार्टिकल और वेव दोनों के गुण मौजूद होते हैं।

अब तक क्या माना जाता था?

अब तक यह माना जाता था कि क्वांटम टनलिंग का प्रभाव केवल माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स में ही देखा जा सकता है. मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स पर यह प्रभाव दिखाई नहीं देता क्योंकि उनके पास क्वांटम टनलिंग के लिए आवश्यक तरंग-समान गुण नहीं होते हैं।

मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट

तीनो वैज्ञानिकों ने खोजा कि माइक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स की क्वांटम टनलिंग का प्रभाव मैक्रोस्कोपिक ऑब्जेक्ट्स पर भी दिखाई देता है. इसे मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट कहा जाता है. मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफ़ेक्ट को जोसेफसन जंक्शन या सुपरफ्लुइड में देखा जा सकता है.

तीनो वैज्ञानिकों ने पाया कि “क्वांटम स्टेट” केवल एक माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल की नहीं बल्कि पूरे मैक्रोस्कोपिक सिस्टम की होती है। यानी केवल एक माइक्रोस्कोपिक पार्टिकल ही नहीं बल्कि पूरा मैक्रोस्कोपिक सिस्टम ही एक साथ दो स्टेबल स्टेट्स में से किसी एक में हो सकता है.

मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट के उदाहरण

मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट जोसेफसन जंक्शन में देखा जा सकता है. जोसेफसन जंक्शन दो सुपरकंडक्टर्स को एक थिन इंसुलेटिंग लेयर से बना होता है। थिन इंसुलेटिंग लेयर से बना यह जंक्शन जोसेफसन जंक्शन कहलाता है. जब इलेक्ट्रोन इंसुलेटिंग लेयर को पार करके एक सुपर कंडक्टर लेयर से दूसरे सुपर कंडक्टर लेयर में प्रवेश करते हैं तो इसे जोसेफसन इफेक्ट कहते हैं. यहाँ पर इलेक्ट्रोन का फ्लो क्वांटम टनलिंग के सिद्धांत पर आधारित होता है।

मैक्रोस्कोपिक क्वांटम टनलिंग इफेक्ट का महत्त्व

इस खोज से क्वांटम क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम सेंसर जैसी नई टेक्नोलोजी को विकसित करने के लिए नई दिशा प्रदान की. इस टेक्नोलोजी का उपयोग भविष्य में सेमीकंडक्टर, कंप्यूटर, माइक्रोचिप्स, चिकित्सा, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में बड़े महत्वपूर्ण उपयोग किया जा सकता है। पिछले साल भी आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के जानकार जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को मशीन लर्निंग के आधार स्तंभ बनाने में योगदान के लिए फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार मिला था।

फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार हर वर्ष 10 दिसंबर को स्वीडन में रॉयल स्वीडिश एकेडमी द्वारा दिया जाता है. इस पुरस्कार के तहत कुल 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (लगभग 1.2 मिलियन डॉलर) की प्राइज मनी भी शामिल है, जिसे विजेताओं के बीच बांटा जाता है.

नोबेल पुरस्कार की स्थापना

नोबेल पुरस्कार की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार हुई थी। उन्होंने अपने डायनामाइट के आविष्कार से कमाए धन को विज्ञान, साहित्य और शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए समर्पित किया था।

फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार सबसे प्रतिष्ठित माना जाता है और 1901 से 2025 के बीच इसे 119 बार प्रदान किया जा चुका है। अब तक कुल 229 वैज्ञानिक इस सम्मान से नवाजे जा चुके हैं।

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Saturday, October 4, 2025

डिजिटल फाइलों के प्रकार : टेक्स्ट फाइलें, एक्सिक्यूटेबल फाइल, ऑडियो फाइलें, वीडियो फाइल, इमेज फाइल

 



डिजिटल फाइलों के प्रकार : टेक्स्ट फाइलें, एक्सिक्यूटेबल फाइल, ऑडियो फाइलें, वीडियो फाइल, इमेज फाइल

vफाइल को उनके डेटा के आधार पर टेक्स्ट फाइलें, बाइनरी फाइलें, ऑडियो फाइलें, वीडियो फाइलें और इमेज फाइलें आदि में वर्गीकृत किया जाता है.

टेक्स्ट फाइलें

vटेक्स्ट फ़ाइल का सबसे कॉमन एक्सटेंशन .TXT है. इसके अलावा html टेक्स्ट फाइल के लिए एक्सटेंशन .html, जावा स्क्रिप्ट के लिए एक्सटेंशन .js,  पायथन कोड फाइल के लिए एक्सटेंशन .py, कॉमा सेपरेटेड फाइल के लिए एक्सटेंशन .csv, वर्ड फाइल के लिए एक्सटेंशन .docx प्रयोग किया जाता है.

PDF फाइल

vPDF फाइल का अर्थ पोर्टेबल डॉक्यूमेंट फ़ॉर्मेट (Portable Document Format) है, जो एडोब (Adobe) द्वारा बनाया गया एक फ़ाइल फ़ॉर्मेट है. यह एक ऐसा फ़ॉर्मेट है जो विभिन्न सॉफ़्टवेयर, हार्डवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम पर दस्तावेज़ों के मूल स्वरूप को बनाए रखता है. PDF फाइलों का एक्सटेंशन .pdf होता है.

बाइनरी फाइलें

vबाइनरी फाइलों में डेटा 0 और 1 के फॉर्म में स्टोर होता है. सॉफ्टवेयर प्रोग्राम इमेज या वीडियो फ़ाइल, डेटाबेस और बड़ी फ़ाइलों को कंप्रेस करने के लिए उपयोग किए जाने वाले आर्काइव बाइनरी फाइलों में होते हैं. बाइनरी फाइलों का एक्सटेंशन .bin होता है.

एक्सिक्यूटेबल फाइल

vइनमें कंप्यूटर के लिए निर्देश होते हैं, जिन्हें ऑपरेटिंग सिस्टम सीधे चला सकता है, जिससे कोई प्रोग्राम शुरू हो सके या कोई खास काम पूरा हो सके. Windows में .exe एक्सटेंशन वाली फाइलें आम एक्सक्यूटेबल फाइलें होती हैं.

ऑडियो फाइलें

MP3

v MP3 का फुल फॉर्म MPEG-1 Audio Layer 3 (एमपेग-1 ऑडियो लेयर 3) होता है, जो एक डेटा कम्प्रेशन तकनीक है जिसका इस्तेमाल डिजिटल ऑडियो फाइलों को कम जगह में स्टोर करने और ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है. यह मूविंग पिक्चर एक्सपर्ट ग्रुप (MPEG) द्वारा विकसित किया गया एक फ़ाइल फॉर्मेट है. MP3 फ़ाइलों का एक्सटेंशन .mp3 होता है.

WAV

vWAV का फुल फॉर्म वेबफॉर्म ऑडियो फ़ाइल फ़ॉर्मेट है. यह एक ऑडियो फ़ाइल फ़ॉर्मेट है जिसे माइक्रोसॉफ्ट और IBM द्वारा विकसित किया गया था, और इसका उपयोग हाई -रिज़ॉल्यूशन, नॉन कम्प्रेश ऑडियो डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है, जिससे ध्वनि की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आती है . WAV फ़ाइल का एक्सटेंशन .wav या .wave होता है.

FLAC

vFLAC का फुल फॉर्म फ्री लॉसलेस ऑडियो कोडेक है. यह एक ऐसा ऑडियो फ़ाइल प्रारूप है जो ध्वनि की गुणवत्ता से कोई भी समझौता किए बिना ऑडियो फ़ाइलों को कम्प्रेश करता है. FLAC फाइलों का एक्सटेंशन .flac होता है.

AAC (Advanced Audio Coding)

vAAC (एडवांस्ड ऑडियो कोडिंग) एक लॉसी (हानिपूर्ण) ऑडियो कंप्रेशन है जिसे MP3 की जगह लेने के लिए डिज़ाइन किया गया था. यह एक कुशल डेटा कंप्रेशन के माध्यम से उच्च-गुणवत्ता वाली ध्वनि प्रदान करता है. इसे अक्सर म्यूजिक स्ट्रीमिंग और डिजिटल रेडियो में उपयोग किया जाता है. AAC फाइलों का एक्सटेंशन मुख्य रूप से .aac, .mp4 या .3gp हो सकता है.

वीडियो फाइल

MP4 (.mp4)

vयह एक डिजिटल मल्टीमीडिया कंटेनर फ़ॉर्मेट है जो वीडियो, ऑडियो और अन्य डेटा जैसे सबटाईटल और स्टैटिक इमेग भी स्टोर कर सकता है.

AVI (.avi)

vAVI का फुलफोर्म ऑडियो वीडियो इंटरलीव है. यह एक मल्टीमीडिया कंटेनर फ़ॉर्मेट है जिसका उपयोग वीडियो और ऑडियो दोनों के लिए व्यापक रूप से किया जाता है.

MOV (.mov)

vMOV का फुलफोर्म QuickTime Multimedia है, जो Apple द्वारा विकसित एक मल्टीमीडिया कंटेनर फ़ाइल फ़ॉर्मेट है जिसका उपयोग वीडियो, ऑडियो, और टेक्स्ट जैसी विभिन्न मीडिया जानकारी को एक ही फ़ाइल में स्टोर करने के लिए किया जाता है.

WMV (.wmv)

vWMV (डब्ल्यूएमवी) वीडियो का पूरा नाम विंडोज मीडिया वीडियो (Windows Media Video) है.  यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित एक वीडियो कम्प्रेशन (संपीड़ित) फोर्मेट है, जिसका उपयोग इंटरनेट पर वीडियो स्ट्रीम करने और HD DVD व ब्लू-रे डिस्क के माध्यम से वीडियो कंटेंट शेयर करने के लिए किया जाता है.

इमेज फाइल

JPEG (JPG)

vJPEG का फुलफोर्म  "ज्वाइंट फ़ोटोग्राफ़िक एक्सपर्ट्स ग्रुप" है. यह एक फ़ाइल फ़ॉर्मेट है जिसका उपयोग डिजिटल छवियों को कंप्रेस (संपीड़ित) करने के लिए किया जाता है, ताकि उनका फ़ाइल आकार कम हो सके. हालांकि, इससे इमेज क्वालिटी थोड़ी ख़राब हो जाती है.

PNG

vPNG का फुलफोर्म पोर्टेबल नेटवर्क ग्राफ़िक्स है, जो इंटरनेट पर इमेज स्टोर करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक फ़ाइल फॉर्मेट है. यह एक रास्टर इमेज फ़ाइल है जो लोसलेस कम्प्रेशन का उपयोग करती है, जिसका अर्थ यह है कि फ़ाइल का साइज़ कम होने पर भी इमेज की क्वालिटी प्रभावित नहीं होती है. यह ग्राफिक्स या वेब डिज़ाइन के लिए बहुत उपयोगी है. यह गुणवत्ता में कोई कमी नहीं करता है, लेकिन फ़ाइल का आकार JPEG से बड़ा हो सकता है.

GIF

vGIF का फुलफोर्म  ग्राफ़िक्स इंटरचेंज फ़ॉर्मेट है. यह एक इमेज फ़ाइल फ़ॉर्मेट है जिसका इस्तेमाल इंटरनेट पर अक्सर छोटे, एनिमेटेड, और बिना आवाज़ वाले वीडियो क्लिप या स्थिर छवियों के लिए किया जाता है.

TIFF

vTIFF का फुलफोर्म "टैग्ड इमेज फ़ाइल फ़ॉर्मेट" है, जो रास्टर ग्राफिक्स और हाई क्वालिटी इमेज को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक फ़ाइल फ़ॉर्मेट है.  यह फ़ॉर्मेट ग्राफिक कलाकारों, फ़ोटोग्राफ़रों और पब्लिकेशन के प्रोफेशन में काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह लोसलेस कम्प्रेशन की इमेज बनाता है.

RAW

vयह डिजिटल कैमरे से खींची गई तस्वीरों के लिए एक 'रॉ' फ़ॉर्मेट है, जिसमें सभी मूल डेटा सहेजा जाता है, जो एडिटिंग के लिए बेहतरीन होता है.

SVG

vयह एक वेक्टर इमेज फ़ॉर्मेट है जो गणितीय रेखाओं पर आधारित होता है और इसे किसी भी आकार में बदलने पर भी इसकी गुणवत्ता नहीं बिगड़ती.

vयह पोस्ट Rudra’s IAS द्वारा तैयार की गई है।

👉 पाठकों से एक मार्मिक अपील

vअगर हमारे ब्लॉग में दी गयी जानकारियां उपयोगी लगती हों, तो कृपया हमें फॉलो करेंताकि हमें प्रोत्साहन मिले, हम भी गर्व से कह सकें कि हमारे पास एक बड़ा फोलोवर बेस है, तब हमें भी काम में मजा आएगा और हम और भी बेहतरीन कंटेंट तैयार कर सकें जिससे विभिन्न विषयों पर आपको सारगर्भित एवं सरल अध्ययन सामग्री प्राप्त होती रहे. आखिरकार हम भी इंसान है और हमें भी निरन्तर कार्य करने के लिए कोई न कोई प्रेरणा की आवश्यकता होती है.

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