इंटरनेट
vइंटरनेट इंटर कनेक्टेड
नेटवर्क का एक्रोनिम है.
vयह दुनिया भर के लाखों
वेब सर्वरों और विभिन्न कंप्यूटरों को जोड़ने वाला एक विश्वव्यापी नेटवर्क है.
vजिसकी सभी यूनिट्स कुछ स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल्स का उपयोग करके एक-दूसरे
से कम्युनिकेट करते हैं.
vसभी कम्प्यूटरों को सर्वर से और सर्वर को कम्प्यूटरों से
ऑप्टिकल फाईबर से कनेक्ट किया जाता है.
vइस नेटवर्क पर डेटा ट्रांसफर छोटे छोटे डेटा पैकेट्स के रूप
में होता है.
इंटरनेट की शुरुआत
vइन्टरनेट की शुरुआत अरपानेट
(ARPANET- एडवांस्ड रिसर्च
प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) के रूप में हुई. यह नेटवर्क 1969 में अमेरिका के रक्षा विभाग के द्वारा तैयार किया
गया.
vयह नेटवर्क विभिन्न रिसर्च ग्रुप्स और यूनिवर्सिटीज के बीच कंप्यूटरों के
जरिये सूचनाओं को शेयर करने के लिए तैयार
किया गया था. इस नेटवर्किंग में पहली बार पैकेट स्विचिंग तकनीकि का उपयोग किया गया.
यही प्रोजेक्ट आधुनिक इंटरनेट की तकनीकी नींव बना.
अर्पानेट का पहला
संदेश
vअर्पानेट ने 29 अक्टूबर
1969 को पहला संदेश भेजा था, जो 'लॉगिन' था, लेकिन केवल पहले दो अक्षरों 'LO' के बाद क्रैश हो गया था. यह मैसेज यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए)
से स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट को भेजा गया था.
v5 दिसम्बर, 1969 को दो और विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, सांता
बारबरा (यू सी एस बी) और यूटा विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग अर्पानेट से जुड़ गए.
1970 का दशक- टीसीपी/आईपी
प्रोटोकॉल
vटीसीपी/आईपी प्रोटोकॉल
का विकास 1970 के दशक के मध्य में, विन्ट कर्फ और बॉब कोहन के द्वारा किया गया.
vटीसीपी (ट्रांसमिशन
कंट्रोल प्रोटोकाल) इंटरनेट पर डेटा को विश्वसनीय और त्रुटि-रहित तरीके से भेजने
के लिए उपयोग किया जाने वाला एक संचार प्रोटोकॉल है.
vयह डेटा पैकेट को एक सिक्वेंस
नम्बर प्रदान करता है, जिससे रिसीवर उन्हें
सही सिक्वेंस में रीऑर्डर कर सके .
vयह पैकेट-आधारित मैसेजिंग से जुड़ी समस्याओं, जैसे खोए हुए या दूषित पैकेटों को
हल करने के लिए तंत्र प्रदान करता है.
vएक बार जब डेटा पूरी
तरह से डिलीवर हो जाता है, तो टीसीपी कनेक्शन को सुरक्षित रूप से बंद कर देता है.
उदाहरण
1.
वेब ब्राउज़िंग (HTTP/HTTPS)
2.
ईमेल भेजना और प्राप्त करना (SMTP, POP3, IMAP)
3.
फ़ाइल स्थानांतरण (FTP)
आईपी (इंटरनेट
प्रोटोकाल)
vआईपी (इंटरनेट
प्रोटोकॉल) इंटरनेट पर उपकरणों के बीच डेटा को डाइरेक्शन देने और उसे सही रूट प्रदान
करने के लिए नियमों का एक समूह है.
vडेटा पैकेट को सही
गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एड्रेस करता है और इंटरनेट पर सभी संचार के लिए एक
मूलभूत प्रोटोकॉल है. प्रत्येक डिवाइस को
एक अद्वितीय आईपी एड्रेस मिलता है जो उसके पते के रूप में कार्य करता है.
vजब आप इंटरनेट पर कोई वेबसाइट खोलते हैं, तो आपका डिवाइस एक डेटा पैकेट भेजता
है. आईपी यह सुनिश्चित करता है कि पैकेट
सही रास्ते पर जाए और उस सर्वर के आईपी पते तक पहुंचे जहां से डेटा का अनुरोध किया
गया है.
vयह एक डिजिटल डाक पते
की तरह काम करता है,
जो
नेटवर्क में प्रत्येक डिवाइस की पहचान करता है.
ipv4 व ipv6
vचूंकि कम्प्यूटर की
भाषा डिजीटल होती है इसलिए एड्रेस भी न्यूमेंरिक होता है. जैसे यू ट्यूब का आई पी एड्रेस 208.117.236.69 है. आई पी
एड्रेस में कितना स्पेस होगा इस आधार पर आई पी एड्रेस के दो वर्जन प्रचलित हैं, जिन्हें ipv4 व ipv6 कहते हैं. ipv4 32 बिट का तथा ipv 128 बिट का होता है.
vटीसीपी/आईपी प्रोटोकॉल इंटरनेट की आधारभूत संरचना के लिए
आवश्यक था और इसे 1 जनवरी 1983 को अरपानेट पर लागू किया गया, जिसे इंटरनेट की शुरुआत
माना जाता है.
1980 का दशक- इंटरनेट
का विस्तार
v1984 में डीएनएस (डोमेन
नेम सिस्टम) विकसित किया गया. जिससे आईपी एड्रेस को संख्या के बजाय नाम से याद रख
पाना संभव हुआ. जैसे rudrasias की वेबसाइट का आईपी एड्रेस 106.222.219.2 है इसे याद रख पाना संभव नहीं है इसे लिए इसे डोमेन नेम https://rudrasias.com प्रदान किया गया.
vडोमेन नेम केवल वेबसाइट का होता है जबकि नेटवर्क से कनेक्टेड प्रत्येक कंपोनेंट
का आईपी एड्रेस होता है.
NSFNET (National
Science Foundation Network)
v1980 के दशक में NSFNET ने ARPANET का स्थान ले लिया. यह और अधिक तेज़
और बेहतर नेटवर्क था. इससे शिक्षा और अनुसंधान
संस्थानों के बीच इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ा.
vइसी दशक में ईमेल और
फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) जैसी सेवाओं ने भी इंटरनेट का उपयोग बढ़ाने में मदद की.
1990 का दशक- वर्ल्ड
वाइड वेब (www) और आम जनता की पहुंच
v1991 में टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब का विकास किया. वर्ल्ड वाइड वेब
इंटरकनेक्टेड वेबपेजेज से निर्मित एक सिस्टम है. इस सिस्टम को बनाने के लिए सबसे
पहले वेब पेज बनाना पड़ता है. किसी वेबपेज को ओपन करने के लिए इंटरनेट की जरुरत
होती है.
इंटरनेट और वर्ल्ड
वाइड वेब में मुख्य अंतर
vइंटरनेट एक वैश्विक
नेटवर्क है जो कंप्यूटरों को आपस में जोड़ता है, जबकि वर्ल्ड वाइड वेब (www) इंटरनेट पर मौजूद जानकारी का एक संग्रह है, जिसे वेब ब्राउज़र के माध्यम से
एक्सेस किया जाता है.
वेब ब्राउज़र
vवेब ब्राउज़र एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो वर्ल्ड वाइड वेब
पर वेब पेज,
इमेज और
वीडियो जैसी ऑनलाइन सामग्री देखने और एक्सेस करने में मदद करता है. यह एक गेटवे के
रूप में कार्य करता है.
vकिसी वेबसाइट को ओपन
करने के लिए वेब एड्रेस (URL) को वेब ब्राउज़र में टाइप करते हैं. वेब ब्राउज़र सर्वर
से जानकारी प्राप्त करता है. गूगल क्रोम, मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स, एप्पल सफारी, और माइक्रोसॉफ्ट एज कुछ
लोकप्रिय वेब ब्राउज़र हैं.
vभारत में सार्वजनिक
इंटरनेट सेवा
vभारत में सार्वजनिक
इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) द्वारा शुरू की गई थी।
भारत में इंटरनेट लाने का श्रेय अक्सर बृजेन्द्र कुमार सिंघल को दिया जाता है, जिन्हें 'भारतीय इंटरनेट का जनक' कहा जाता है, क्योंकि वे तब वीएसएनएल
के सीएमडी थे और उन्होंने इस सेवा की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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