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Thursday, October 23, 2025

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों का व्यवस्थित विवरण (कालक्रमानुसार)

 



1. पंडित रविशंकर शुक्ल (Ravi Shankar Shukla)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

01/11/1956 से 31/12/1956

जन्म एवं निधन

जन्म: 1877 (सागर जिला, म.प्र.)। निधन: 1956 (नई दिल्ली)

शिक्षा एवं पेशा

1895 में नागपुर के हिसलोप कॉलेज से वकालत पूरी की और रायपुर में वकालत करने लगे

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका

ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों में भाग लिया; महात्मा गांधी से प्रभावित होकर असहयोग, सविनय अवज्ञा, और भारत छोड़ो आंदोलनों में सक्रिय रहे। 1900 में सराय पल्ली में भीषण सूखे के दौरान जनसेवा की

राजनैतिक पृष्ठभूमि

1946 के विधानसभा चुनाव में सरायपल्ली से विधायक चुने गए। सरायपल्ली इनका राजनैतिक गढ़ बना

कार्यकाल समाप्ति का कारण

कांग्रेस हाई कमान द्वारा उन्हें चुनाव न लड़ने का निर्देश दिया गया, जिससे वे आहत हुए। अगले ही दिन 31/12/1956 को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। पंडित नेहरू रविशंकर शुक्ल और द्वारिका प्रसाद मिश्र की करीबी पसंद नहीं करते थे

2. भगवंत राव मंडलोई (Bhagwant Rao Mandloi)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1 (कार्यकारी)

01/01/1957 से 30/01/1957 (प्रदेश के प्रथम कार्यकारी मुख्यमंत्री)

कार्यकाल 2

12/03/1962 से 29/09/1963

जन्म

1892 (खंडवा जिला, म.प्र.)

कार्यकाल समाप्ति का कारण (1)

पंडित नेहरू कैलाश नाथ काटजू को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, जिसके कारण भगवंत राव मण्डलोई ने इस्तीफा दे दिया

कार्यकाल 2 की पृष्ठभूमि

1962 में दूसरे विधानसभा चुनावों में कैलाशनाथ काटजू के अपनी सीट से हार जाने के बाद इन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया

कार्यकाल समाप्ति का कारण (2)

1963 में द्वारिका प्रसाद मिश्र ने मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी प्रस्तुत की। 'के. कामराजन प्लान' (जिसमें 75 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके मंत्रियों को पद छोड़ना था) को भी हटाने का एक कारण माना जाता है

3. कैलाश नाथ काटजू (Kailash Nath Katju)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

15/04/1957 से 11/03/1962

जन्म एवं पृष्ठभूमि

जन्म: 17 जून 1887 (रतलाम के जावरा में)। ये कश्मीरी पंडित परिवार से थे, इसलिए पंडित नेहरू के करीबी माने जाते थे

शिक्षा एवं पेशा

पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से 1905 में स्नातक। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री और इतिहास में मास्टर की डिग्री प्राप्त की। 1921 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत करने लगे

राजनैतिक महत्व

1950 के दशक में देश के जाने माने वकील। डॉ. राजेंद्र प्रसाद के कहने पर राजनीति में आये और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बनाए गए। नेहरू इन्हें CM बनाकर मध्य प्रदेश को अपने नियंत्रण में रखना चाहते थे

उपलब्धि

5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले वे मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने

कार्यकाल समाप्ति का कारण

1962 के विधानसभा चुनाव में अपनी विधानसभा सीट जावरा से चुनाव हार गए

4. द्वारिका प्रसाद मिश्र (Dwarka Prasad Mishra)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

(1963 में भगवंत राव मण्डलोई के त्यागपत्र के बाद बने, 1967 तक कार्य किया)

कार्यकाल 2

09/03/1967 से 29/07/1967

जन्म एवं पृष्ठभूमि

जन्म: 1901 (उन्नाव, उत्तर प्रदेश)। ये पंडित रविशंकर शुक्ल के करीबी थे

अन्य पहचान

राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ पत्रकार और लेखक थे। इन्होंने तीन हिंदी पत्रिकाओं (लोकमत, शारदा और सारथी) का संपादन किया और कृष्णायण नामक महाकाव्य की रचना की

राजनैतिक यात्रा

1937 में मध्य प्रांत और बरार विधान सभा के सदस्य बने। 1950 में नेहरू से नाराज होकर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भारतीय लोक कांग्रेस नामक नई पार्टी बनाई, लेकिन 1952 के आम चुनावों में हार गए। बाद में इंदिरा गांधी के घनिष्ठ सलाहकार बने

कार्यकाल समाप्ति का कारण (2)

द्वारिका प्रसाद मिश्र के अख्खड़ रवैये और तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली से गोविंद नारायण सिंह नाराज हुए। गोविन्द नारायण सिंह ने कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों को मिलाकर 'लोक सेवक दल' और संयुक्त विधायक दल (संविद) का गठन किया, जिससे मिश्र की सरकार अल्पमत में आ गई

5. गोविन्द नारायण सिंह (Govind Narayan Singh)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

30/07/1967 से 12/03/1969

जन्म एवं पृष्ठभूमि

जन्म: 1920 (रामपुर बघेला, विंध्य क्षेत्र)। इनके पिता अवधेश प्रताप सिंह रीवा रियासत के प्रधानमंत्री थे। इन्होंने आई सी एस की परीक्षा उत्तीर्ण की थी

राजनैतिक यात्रा

1952 के लोकसभा चुनावों में रामपुर बघेला क्षेत्र से चुनाव जीतकर राजनीति में आए। 1967 में डी पी मिश्र की कैबिनेट में सिंचाई राज्यमंत्री थे।

उपलब्धि

उन्होंने 'लोक सेवक दल' नामक नई पार्टी बनाई और विपक्ष को मिलाकर संयुक्त विधायक दल (संविद) का गठन किया। इस प्रकार, मध्य प्रदेश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार अस्तित्व में आई

चुनौतियां एवं समाप्ति

राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सहयोग से CM बने, लेकिन उनके काम काज में राजमाता का दखल बढ़ गया। कार्यकाल सरकार बचाने में बीता, भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच गया।

6. राजा नरेश चंद्र सिंह (Raja Naresh Chandra Singh)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

13/03/1969 से 25/03/1969

पृष्ठभूमि

जन्म: 1908 (सारंगगढ़ रियासत, छत्तीसगढ़)। वे एक आदिवासी राजवंश से संबंधित थे और सारंगगढ़ के आखिरी शासक थे।

राजनीतिक स्थिति

गोविन्द नारायण सिंह की संविद सरकार में मंत्री का पद छीना गया था, जिससे वे नाराज थे। उन्होंने संविद और कांग्रेस के कुछ विधायकों को जोड़कर सरकार बनाई

रिकॉर्ड

मात्र 13 दिन के पश्चात ही इन्हें समर्थन देने वाले विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया और इनकी सरकार गिर गई

7. श्यामा चरण शुक्ल (Shyama Charan Shukla)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

26/03/1969 से 28/01/1972

कार्यकाल 2

23/12/1975 से 27/04/1977

कार्यकाल 3

(1989 में राजीव गांधी से निकटता के कारण फिर CM बने)

जन्म एवं पृष्ठभूमि

जन्म: 1925 (रायपुर, छत्तीसगढ़)। पिता रविशंकर शुक्ल पहले CM थे, भाई विद्याचरण शुक्ल विदेश मंत्री रह चुके थे। इन्हें राजनीति का दिलीप कुमार भी कहा जाता था

राजनैतिक घटनाक्रम

राजा नरेश चंद्र सिंह की सरकार गिरने के बाद CM बने क्योंकि डी पी मिश्र पर 1963 के उपचुनावों में धांधली सिद्ध होने के कारण 6 वर्ष का राजनीतिक प्रतिबंध लगा था।

इंदिरा गांधी से संबंध

1969 में इंदिरा गांधी द्वारा नई पार्टी (कांग्रेस/ओ) के गठन के बाद, श्यामा चरण शुक्ल ने इंदिरा का समर्थन नहीं किया, जिससे उन्हें इंदिरा के क्रोध का सामना करना पड़ा

कार्यकाल समाप्ति (1)

1972 के विधानसभा चुनावों में जीतने के बावजूद, इंदिरा के इशारे पर उनकी जगह प्रकाश चंद्र सेठी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया

कार्यकाल समाप्ति (2)

1977 में इमरजेंसी से नाराज जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया, और वे अपनी सीट (राजीम) से चुनाव हार गए

8. प्रकाश चंद्र सेठी (Prakash Chandra Sethi)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

23/03/1972 से 22/12/1975

पृष्ठभूमि

जन्म: 20 अक्टूबर 1920 (झालरा पाटन, राजस्थान)। इंदिरा गांधी के करीबी सलाहकार माने जाते थे। 1982 से 1984 तक देश के गृहमंत्री रहे

मुख्यमंत्री बनने का कारण

मध्य प्रदेश की राजनीति से अनभिज्ञ थे। इंदिरा गांधी ने उमाशंकर दीक्षित की सलाह पर, श्यामाचरण शुक्ल से नाराजगी के कारण, इन्हें CM नियुक्त किया

कार्यकाल समाप्ति का कारण

1975 में संजय गांधी के करीबी मित्र (विद्याचरण शुक्ल) के प्रयास से उन्हें दिल्ली वापस बुला लिया गया

9. राष्ट्रपति शासन (President's Rule)

विवरण

जानकारी

अवधि 1

30/04/1977 से 25/06/1977

कारण

विधानसभा चुनाव होने थे, लेकिन पूरे देश में आपातकाल लागू था, जिसके कारण चुनाव सही समय पर नहीं हो पाए

10. कैलाश चंद्र जोशी (Kailash Chandra Joshi)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

26/06/1977 से 17/01/1978

पृष्ठभूमि

जन्म: 14 जुलाई 1929 (देवास के हाटपिपलिया)। जनसंघ के कार्यकर्ता थे

उपलब्धि

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले शुद्ध रूप से गैर कांग्रेसी व्यक्ति माने जाते हैं

राजनैतिक घटनाक्रम

आपातकाल के दौरान इंदिरा सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने के कारण जेल गए थे

कार्यकाल समाप्ति का कारण

सोने की बीमारी का इलाज करवाने के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हुए और तीन दिन बाद हटाकर वीरेन्द्र सकलेचा को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया गया

11. वीरेन्द्र कुमार सकलेचा (Virendra Kumar Saklecha)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

18/01/1978 से 19/01/1980

पृष्ठभूमि

जन्म: मार्च 1930 (मंदसौर जिला)। जनसंघ से जुड़े थे और कुशाभाऊ ठाकरे के करीबी थे।

राजनैतिक यात्रा

1962 से 1967 तक विपक्ष के नेता रहे। 1967 से 1969 तक गोविन्द नारायण सिंह की संविद सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे

कार्यकाल समाप्ति का कारण

जनसंघ की विचारधारा को बढ़ावा देने के कारण समाजवादी विचारधारा के सहयोगी विधायक विरोधी हो गए। भ्रष्टाचार के आरोपों के दबाव में आकर इस्तीफा देना पड़ा

12. सुन्दर लाल पटवा (Sunder Lal Patwa)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

20/01/1980 से 17/02/1980

कार्यकाल 2

05/03/1990 से 15/12/1992

पृष्ठभूमि

जन्म: 1924 (मंदसौर के कुकरेश्वर)। कुशाभाऊ ठाकरे द्वारा राजनीति में लाए गए

कार्यकाल समाप्ति का कारण (1)

केंद्र में इंदिरा की सरकार बनी और उन्होंने सभी राज्यों की गैर कांग्रेस शासित सरकारों को बर्खास्त कर दिया

कार्यकाल समाप्ति का कारण (2)

1990 में राममंदिर के नाम पर CM बने। 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के कारण हुए दंगों को रोक पाने में सरकार असफल रही, जिसके कारण केंद्र सरकार ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया

13. राष्ट्रपति शासन (President's Rule)

विवरण

जानकारी

अवधि 2

18/02/1980 से 18/06/1980

अवधि 3

16/12/1992 से 06/12/1993

14. अर्जुन सिंह (Arjun Singh)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

09/06/1980 से 10/03/1985

कार्यकाल 2

11/03/1985 (सिर्फ एक दिन के लिए, सबसे कम समय के लिए मुख्यमंत्री)

कार्यकाल 3

14/02/1988 से 24/01/1989

पृष्ठभूमि

जन्म: 1930 (सीधी के चुरहट)। 1957 में पहली बार चुनाव लड़े और जीते

राजनैतिक यात्रा

द्वारका प्रसाद मिश्र के समय जनसंपर्क विभाग के मंत्री थे। 1980 में कांग्रेस की भारी जीत के बाद CM बने और पांच वर्ष का सफल कार्यकाल पूर्ण किया

कार्यकाल समाप्ति (2)

1985 में फिर से CM बने, लेकिन सिर्फ एक दिन बाद ही केंद्र में राजीव गांधी की सरकार ने उन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाकर चंडीगढ़ भेजने का फैसला ले लिया

कार्यकाल समाप्ति (3)

राजीव गांधी से बढ़ती दूरियों के कारण हटाकर मोतीलाल बोरा को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। बाद में चुरहट लॉटरी काण्ड के आरोपों के कारण इस्तीफा लिया गया

15. मोतीलाल बोरा (Motilal Vora)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

13/03/1985 से 13/02/1988

कार्यकाल 2

(25 जनवरी 1989 से, अर्जुन सिंह के इस्तीफे के बाद)

पृष्ठभूमि

जन्म: 20 दिसम्बर 1928 (नागौर, राजस्थान)। पत्रकार के रूप में भी कार्य किया

मुख्यमंत्री बनने की कहानी

1985 के चुनावों बाद अर्जुन सिंह को राजीव गांधी ने राज्यपाल बनने का आदेश दिया, जिसके बाद मंत्री बनने की राह देख रहे मोतीलाल बोरा को अचानक ही मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया गया

कार्यकाल समाप्ति (2)

1989 में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राजीव गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बदल डाला, और बोरा को पद छोड़ना पड़ा

16. दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

(1992 से 1997 तक)

कार्यकाल 2

01/12/1998 से 08/12/2003

पृष्ठभूमि

जन्म: 28 फरवरी 1947 (राघवगढ़ रियासत)। 1977 में पहली बार विधायक बने

राजनैतिक यात्रा

1992 में मुख्यमंत्री बने, श्यामाचरण शुक्ल को पीछे छोड़ते हुए।

कार्यकाल की चुनौतियां

दूसरा कार्यकाल बिजली कटौती, पानी की किल्लत, गड्ढ़ेदार सड़कों, संविदा शिक्षक भर्ती और एमपीआरडीसी जैसे मुद्दों के कारण मुश्किल में बीता

17. उमा भारती (Uma Bharti)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

08/12/2003 से 23/08/2004

पृष्ठभूमि

जन्म: 3 मई 1969 (टीकमगढ़)। कृष्ण का भजन गाकर साध्वी के रूप में प्रसिद्धि पाई। विजयाराजे सिंधिया ने उन्हें राजनीति में बुलाया।

उपलब्धि

मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 2003 के विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की

कार्यकाल समाप्ति का कारण

1995 में कर्नाटक के हुबली में ईदगाह में तिरंगा झंडा फहराने के कारण उनके नाम गैर जमानती वारंट जारी हुआ और गिरफ्तारी के कारण इस्तीफा देना पड़ा

18. बाबूलाल गौर (Babulal Gaur)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

23/08/2004 से 29/11/2005

पृष्ठभूमि

जन्म: 2 जून 1929 (नवगीर/प्रतापगढ़, उ.प्र.)। इन्होंने भोपाल टेक्सटाइल मिल और शराब बनाने वाली कम्पनी में कार्य किया

राजनैतिक यात्रा

INTUC के संपर्क में आकर मजदूर नेता के रूप में उभरे। बाद में आरएसएस से जुड़े। 1975 में आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत 19 माह जेल में रहे।

मुख्यमंत्री बनना

2004 में उमा भारती के इस्तीफे के बाद CM बनाए गए

कार्यकाल समाप्ति का कारण

2005 में राजनैतिक उठापटक के कारण पद से हटाया गया

19. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल 1

29/11/2005 से 16/12/2018

कार्यकाल 2

23/03/2020 से वर्तमान तक

पृष्ठभूमि

जन्म: 5 मार्च 1959 (जैत गांव, सीहोर जिला)। 16 वर्ष की उम्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। दर्शनशास्त्र से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और गोल्ड मेडल हासिल किया

राजनैतिक यात्रा

1977 में आरएसएस में शामिल हुए। 1990 में बुधनी से पहली बार विधायक बने। 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी के लाड़ले के रूप में विदिशा उपचुनाव जीतकर 32 वर्ष की उम्र में सांसद बने। गोविंदाचार्य ने उनकी कार्यकुशलता देखकर उन्हें युवा मोर्चा का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया

उपलब्धि

2005 से 2018 तक शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री बन चुके हैं

वर्तमान स्थिति

2020 में कमलनाथ की सरकार के अल्पमत में आने के बाद उन्हें एक बार फिर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया

20. कमलनाथ (Kamal Nath)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

17/12/2018 से 23/03/2020

पृष्ठभूमि

जन्म: 18 नवम्बर 1946 (कानपुर)। दून स्कूल में संजय गांधी के करीबी मित्र थे। 1980 में पहली बार लोकसभा के सदस्य बने

राजनैतिक यात्रा

लगातार नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे। 1991 में पहली बार कैबिनेट में पर्यावरण और वन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। सोलहवीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर बनाये गये।

कार्यकाल समाप्ति का कारण

मार्च 2020 में उनकी सरकार अल्पमत में आ गई, जिसके कारण उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा

21. मोहन यादव (Mohan Yadav)

विवरण

जानकारी

कार्यकाल

2023 में प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री नियुक्त किये गये

पृष्ठभूमि

जन्म: 25 मार्च 1965 (उज्जैन)। विक्रम विश्वविद्यालय से बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए, और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की

राजनैतिक यात्रा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे। 2013 और 2018 में उज्जैन दक्षिण से विधायक बने। 2020 में शिवराज सिंह चौहान जी की कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया