सेकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस
vसेकेण्डरी स्टोरेज डिवाइस को आक्जीलरी स्टोरेज डिवाइस भी कहा
जाता है.
vयह कम्प्यूटर में इनबिल्ट नहीं होती होती है.
vआजकल सेकेन्डरी मेमोरी के रूप में पेन ड्राइव तथा हार्ड
डिस्क ड्राइव ज्यादा पॉपुलर हैं. इसकी स्टोरेज क्षमता अधिक होती है.
vडाटा को ऐक्सेस करने के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है.
- सिक्वेंसियल एक्सेस स्टोरेज
डिवाइस
vइस मेमोरी में स्टोरेज डेटा को उसी क्रम में एक्सेस किया
जाता है, जिस क्रम में स्टोर किया जाता है.
vउदाहरण के लिये 80 के दशक में उपयोग होने वाली ऑडियो कैसेट,
जिसमें किसी एक मूवी के पांच से सात गाने होते थे.
vऐसे में यदि आप चौथा गाना सुनना चाहते, तो डायरेक्ट चौथा
गाना प्ले नही कर सकते थे. आप को या तो उससे पहले के तीनों गाने सुनने पड़ते थे या
तीनों गानें फास्ट फॉरवर्ड करना पड़ता था.
- इंडेक्स सिक्वेंसियल एक्सेस मेथड
vइस मेथड में फ़ाइल को एक सिक्वेंस में स्टोर करते समय उनका "इंडेक्स"
तैयार किया जाता है. इन इंडेक्स में संबंधित फ़ाइल का लोकेशन रजिस्टर होता है.
vजब किसी फ़ाइल ओपन करना हो तो पहले इंडेक्स पर पहुंचते हैं, और सीधे फ़ाइल को ओपन
कर लेते हैं. इस तरह, पूरे डेटा को बिना पढ़े रिकॉर्ड तक पहुँचा जा
सकता है.
- डायरेक्ट एक्सेस मेथड
vयह फ़ाइल एक्सेस की ऐसी विधि है जो किसी फ़ाइल के भीतर डेटा
को सीधे और बिना किसी विशेष क्रम के एक्सेस करने की अनुमति देती है.
सेकेण्डरी स्टोरेज डिवाईस के प्रकार
- मैग्नेटिक डिस्क
vमैग्नेटिक डिस्क में मेटल से बनी एक गोलाकार प्लेट लगी होती
है, जिस
पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढ़ी होती है.
vइन्हीं डिस्क प्लेट की सतह पर जानकारी स्टोर की जाती है. मैग्नेटिक
डिस्क के प्रमुख उदाहरण इस प्रकार है-
(a) हार्ड
डिस्क ड्राइव
vइसे कम्प्यूटर की प्रमुख डेटा स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है. इसी
में ऑपरेटिंग सिस्टम, कम्प्यूटर एप्लीकेशन और डेटा फाइल्स लंबे समय तक
स्टोर रहते हैं.
vयह कम्प्यूटर केस के अंदर मौजूद होती है और डेटा केबल के
माध्यम से कम्प्यूटर में सिस्टम बोर्ड से कनेक्टेड होती है. आमतौर पर इनकी स्टोरेज
कैपेसिटी बहुत अधिक होती है.
(b) फ्लॉपी
डिस्क
vयह एक रिमूवेवल मैग्नेटिक डिस्क होती है. जिसका उपयोग 1990 के
दशक तक कम्प्यूटरों में मुख्य स्टोरेज डिवाइस के रूप में किया जाता था. हलांकि
इसके बाद ऑप्टिकल ड्राइव और हार्ड डिस्क ने इसकी जगह ले ली.
- ऑप्टिकल डिस्क
vऑप्टिकल डिस्क का उपयोग कम्प्यूटरों में अतिरिक्त मेमोरी
डिवाइस के रूप में किया जाता है. इन डिस्क का उपयोग आमतौर पर म्यूजिक, वीडियो और सॉफ्टवेयर
प्रोग्राम को स्टोर करने के लिये किया जाता है. अधिकतर उपयोग होने वाली कुछ प्रमुख
ऑप्टिकल डिस्क इस प्रकार है-
(a) काम्पैक्ट
डिस्क (CD)
vयह प्लास्टिक से बनी एक गोलाकार डिस्क होती है, जिसे चलाने के लिए
प्रकाश यानी लाइट का उपयोग किया जाता है. सी डी का उपयोग ऑडियो, वीडियो और एप्लीकेशन को
स्टोर करने के लिये होता है.
(b) डिजिटल
वर्सेटाइल डिस्क (DVD)
vयह सी डी के समान ही होती है लेकिन इसकी स्टोरेज कैपिसिटी
बहुत ज्यादा (8 GB) होती है.
(c) ब्लू
रे डिस्क
vयह भी सी डी और डी वी डी के समान ही होती है. परन्तु इसमे इन
दोनों से कई गुना अधिक डेटा 25 जी बी स्टोर किया जा सकता है. इसमें डेटा को
रीड करने के लिए ब्लू लेजर का उपयोग होता है.
- फ्लैश मेमोरी
vइसका उपयोग डेटा बैकअप के लिये किया जाता है. इसमें डेटा
इलेक्ट्रिकली स्टोर और डिलीट किया जाता है. यह एक प्रकार की ई ई प्रोम है. फ्लैश
मेमोरी के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं-
(a) मेमारी
कार्ड
vयह एक छोटी चिप होती है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से मोबाइल फोन, कैमरा, एम पी 3 प्लेयर और अन्य
पोर्टेबल डिवाइस में डेटा रखने के लिए किया जाता है. इसमें 4 से 6 जी बी तक स्टोरेज
कैपिसिटी होता है.
(b) पेन
ड्राइव
vइसका प्रयोग ऑडियो, वीडियो और अन्य डेटा फाइल्स को एक कम्प्यूटर से
दूसरे कम्प्यूटर में ट्रांसफर करने व डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है. डेस्कटॉप
के यम एस बी पोर्ट में पेन ड्राइव को लगाकर इसमें मौजदू डेटा को आसानी से एक्सेस
किया जा सकता है.
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