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Monday, November 10, 2025

स्वसन क्या है | हमारे शरीर में ऑक्सी एवं अनॉक्सी स्वसन की भूमिका | Rudra’s IAS Institute, Bhopal


 
स्वसन क्या है | हमारे शरीर में ऑक्सी एवं अनॉक्सी स्वसन की भूमिका | Rudra’s IAS Institute, Bhopal

स्वसन (Respiration) एक अत्यंत महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सभी जीव अपने जीवन क्रियाकलापों के लिए आवश्यक ऊर्जा प्राप्त करते हैं। यह वह प्रक्रिया है जिसमें जीव ऑक्सीजन ग्रहण करता है और भोजन पदार्थों (मुख्यतः ग्लूकोज़) का अपघटन कर ऊर्जा, कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल उत्पन्न करता है। यही ऊर्जा हमारी सभी शारीरिक, रासायनिक और जैविक क्रियाओं की आधारशिला है। #स्वसन क्या है? “भोजन में संचित रासायनिक ऊर्जा को जैविक क्रियाओं में उपयोग योग्य ऊर्जा (ATP) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को स्वसन कहा जाता है।” यह प्रक्रिया दो मुख्य रूपों में होती है — #ऑक्सी स्वसन (Aerobic Respiration) #ऐनॉक्सी स्वसन (Anaerobic Respiration) 1. ऑक्सी स्वसन (Aerobic Respiration): यह स्वसन का वह प्रकार है जिसमें ऑक्सीजन की उपस्थिति आवश्यक होती है। इसमें ग्लूकोज़ का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है और अधिकतम मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। रासायनिक समीकरण: C₆H₁₂O₆ + 6O₂ → 6CO₂ + 6H₂O + Energy (38 ATP)
मुख्य विशेषताएँ: 1. यह प्रक्रिया कोशिकाओं के माइटोकॉन्ड्रिया में होती है। 2. इसमें ग्लूकोज़ का पूरा विघटन कार्बन डाइऑक्साइड और जल में हो जाता है। 3. ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से यह सबसे प्रभावी प्रक्रिया है। 4. उदाहरण: मनुष्य, पशु, पक्षी, अधिकांश पादप इत्यादि सभी जीव ऑक्सी स्वसन करते हैं। 2. ऐनॉक्सी स्वसन (Anaerobic Respiration): यह स्वसन का वह प्रकार है जिसमें ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ऊर्जा का उत्पादन होता है। इसमें ग्लूकोज़ का आंशिक अपघटन होता है। रासायनिक समीकरण (मनुष्य की पेशियों में): C₆H₁₂O₆ → 2C₃H₆O₃ + Energy (2 ATP) (जहाँ C₃H₆O₃ = लैक्टिक अम्ल)
मांसपेशियों में लैक्टिक अम्ल के जमा होने से थकान और दर्द होता है। अधिक कठोर व्यायाम करते समय मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे वे ऊर्जा बनाने के लिए अवायवीय श्वसन (oxygen-free respiration) करती हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप लैक्टिक एसिड बनता है, जो मांसपेशियों के pH को कम करके अम्लीय वातावरण बनाता है, जिससे थकान और दर्द का अहसास होता है।
रासायनिक समीकरण (यीस्ट में): C₆H₁₂O₆ → 2C₂H₅OH + 2CO₂ + Energy (2 ATP) (जहाँ C₂H₅OH = एथेनॉल)
कार्बन डाइऑक्साइड खाद्य पदार्थ के किसी गाढे घोल यानि बैटर में गैस के बुलबुले बनाकर उसे हल्का और फूला हुआ बनाती है। मुख्य विशेषताएँ: 1. यह प्रक्रिया कोशिकाओं के सायटोप्लाज्म (Cytoplasm) में होती है। 2. इसमें ऊर्जा की मात्रा बहुत कम (सिर्फ 2 ATP) प्राप्त होती है। 3. कुछ सूक्ष्मजीवों (जैसे यीस्ट, बैक्टीरिया) तथा ऑक्सीजन की कमी की स्थिति में मांसपेशियों की कोशिकाएँ यह स्वसन करती हैं।