कंप्यूटर की जेनरेशन (Generations of Computer)
कंप्यूटर का इतिहास विभिन्न पीढ़ियों में बाँटा जाता है। हर पीढ़ी ने नई तकनीक और नई संभावनाओं को जन्म दिया। आइए जानते हैं पहली से लेकर भावी पीढ़ी तक का क्रमबद्ध विकास।
🟢 फर्स्ट जेनरेशन के कंप्यूटर (1940–1956)
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इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था।
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इनका आकार बहुत बड़ा होता था और ये काम करते-करते जल्दी गर्म हो जाते थे।
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इनका उपयोग गणना, डेटा स्टोरेज और वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाता था।
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उदाहरण: ENIAC, EDVAC, UNIVAC।
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UNIVAC पहला व्यावसायिक कंप्यूटर था (1951, रेमिंगटन रैंड कंपनी)।
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इसमें लगभग 2000 शब्दों की स्टोरेज क्षमता थी।
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उपयोग: पेरोल, बिलिंग और गणितीय गणनाएँ।
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🟢 सेकेंड जेनरेशन के कंप्यूटर (1956–1965)
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इस पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का प्रयोग हुआ, जो वैक्यूम ट्यूब से छोटे व तेज थे।
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कंप्यूटर का आकार छोटा और गति तेज हो गई।
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इस पीढ़ी में असेंबली लैंग्वेज व हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल शुरू हुआ।
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FORTRAN (Formula Translation)
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COBOL (Common Business Oriented Language)
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मेमोरी के लिए मैग्नेटिक कोर का उपयोग।
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उदाहरण: IBM 1401, IBM 7090, UNIVAC 1107।
🟢 थर्ड जेनरेशन के कंप्यूटर (1965–1971)
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ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का उपयोग हुआ।
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IC एक पतली सिलिकॉन चिप पर बने छोटे इलेक्ट्रॉनिक घटकों का संयोजन होता है।
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जैक किल्बी ने 1958 में IC का विकास किया।
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स्टोरेज क्षमता और स्पीड कई गुना बढ़ी।
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मल्टीटास्किंग, वर्ड प्रोसेसिंग और यूजर-फ्रेंडली प्रोग्रामिंग संभव हुई।
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हाई लेवल लैंग्वेज: COBOL, Pascal आदि।
🟢 फोर्थ जेनरेशन के कंप्यूटर (1971–1985)
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इस पीढ़ी में LSI (Large Scale Integration) और VLSI (Very Large Scale Integration) चिप्स का प्रयोग।
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एक ही चिप पर लाखों ट्रांजिस्टर लगाए जाने लगे।
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तेज गति वाले माइक्रोप्रोसेसर का विकास हुआ।
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ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) का प्रयोग शुरू हुआ, जिसने कंप्यूटर को यूजर-फ्रेंडली बना दिया।
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पर्सनल कंप्यूटर आम जनता के लिए उपलब्ध हुए।
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1980 के दशक में सुपर कंप्यूटर आए, जिनकी स्पीड 100 मिलियन ऑपरेशन्स प्रति सेकंड तक पहुँची।
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इनका उपयोग AI और वैज्ञानिक कार्यों में हुआ।
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🟢 फिफ्थ जेनरेशन के कंप्यूटर (1985–अब तक)
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इस पीढ़ी के कंप्यूटर AI (Artificial Intelligence), Parallel Processing और ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक पर आधारित हैं।
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भाषाएँ: C, C++, Java, .Net आदि।
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प्रयोग:
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स्वास्थ्य
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शिक्षा
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मनोरंजन
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रोबोटिक्स
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स्पेस
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एटॉमिक एनर्जी
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खेल
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कृषि
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सेना
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मल्टीमीडिया, पोर्टेबिलिटी और स्मार्ट डिवाइस (लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्टफोन) का विकास हुआ।
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अभी विकास के चरण में हैं और क्वांटम कंप्यूटिंग से भविष्य में और प्रगति होगी।
🟢 भावी पीढ़ी के कंप्यूटर
नैनो कंप्यूटर
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नैनो स्तर (10⁻⁹ m) पर निर्मित नैनो ट्यूब्स से अति छोटे और विशाल क्षमता वाले कंप्यूटर विकसित किए जा रहे हैं।
क्वांटम कंप्यूटर
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यह कंप्यूटर क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों पर आधारित है।
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क्यूबिट्स (Qubits) का प्रयोग करता है, जो एक साथ 0 और 1 दोनों अवस्था में रह सकते हैं।
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इससे जटिल समस्याएँ पारंपरिक कंप्यूटरों से कहीं तेज हल की जा सकती हैं।
✨ निष्कर्ष
कंप्यूटर की यात्रा वैक्यूम ट्यूब से लेकर ट्रांजिस्टर, IC, माइक्रोप्रोसेसर, AI और अब क्वांटम कंप्यूटिंग तक पहुँची है। हर पीढ़ी ने तकनीक को और अधिक शक्तिशाली, उपयोगी और आम जनता के लिए सुलभ बनाया है।
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