भारत के सुपर कम्प्यूटर : इतिहास, विकास और उपलब्धियाँ
सुपर कम्प्यूटर क्या है?
वे कम्प्यूटर जिनकी मेमोरी स्टोरेज 52 मेगाबाइट से अधिक हो तथा कार्य करने की क्षमता 500 मेगा FLOPS (Floating Point Operations Per Second) से अधिक हो, उन्हें सुपर कम्प्यूटर कहा जाता है।
👉 FLOPS कम्प्यूटर की गति या कार्य क्षमता को मापने की इकाई है।
सुपर कम्प्यूटर का उपयोग मुख्य रूप से –
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जटिल वैज्ञानिक गणनाओं
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मौसम पूर्वानुमान
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परमाणु अनुसंधान
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अंतरिक्ष विज्ञान
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इंजीनियरिंग और रक्षा अनुसंधान
में किया जाता है।
भारत का सुपर कम्प्यूटर कार्यक्रम क्यों शुरू हुआ?
1980 के दशक के अंत में अमेरिका ने भारत पर हथियार प्रतिबंध लगाते हुए Cray Supercomputer देने से इंकार कर दिया, क्योंकि उनका उपयोग परमाणु हथियारों के विकास में हो सकता था।
इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए भारत ने अपना स्वदेशी सुपर कम्प्यूटर कार्यक्रम शुरू किया।
👉 C-DAC का मुख्यालय पुणे (महाराष्ट्र) में स्थित है।
इसके लिए C-DAC (Centre for Development of Advanced Computing) की स्थापना की गई और 1991 में पहला भारतीय सुपर कम्प्यूटर PARAM 8000 विकसित किया गया।
फादर ऑफ़ सुपर कम्प्यूटर्स – विजय पांडुरंग भटकर
भारत के राष्ट्रीय सुपरकम्प्यूटिंग पहल के वास्तुकार डॉ. विजय पांडुरंग भटकर को "भारत के सुपर कम्प्यूटरों के जनक" कहा जाता है।
इन्होंने PARAM (Parallel Machines) श्रृंखला के सुपरकम्प्यूटरों के विकास का नेतृत्व किया।
भारत के सुपर कम्प्यूटरों की प्रमुख श्रृंखला
सुपर कम्प्यूटर / श्रृंखला | संस्थान | स्थान | प्रमुख उपयोग / क्षेत्र |
|---|---|---|---|
PARAM श्रृंखला | C-DAC | पुणे | उच्च स्तरीय कम्प्यूटेशन, विज्ञान व अनुसंधान |
ANUPAM श्रृंखला | BARC | ट्रोम्बे | आणविक गतिकी, रिएक्टर भौतिकी, CFD |
Flosolver श्रृंखला | NAL | बेंगलुरु | कम्प्यूटेशनल फ्लूइड डायनामिक्स, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग |
CHIPs श्रृंखला | C-DOT | नई दिल्ली | समानांतर प्रसंस्करण प्रणाली |
PACE श्रृंखला | DRDO-ANURAG | हैदराबाद | विमान डिजाइन, CFD |
PARAM श्रृंखला की टाइमलाइन
वर्ष | सुपर कम्प्यूटर | क्षमता | स्थान/संस्थान | विशेषता |
|---|---|---|---|---|
1991 | PARAM 8000 | ~1 GFLOPS | C-DAC, पुणे | पहला भारतीय सुपरकम्प्यूटर |
1992 | PARAM 8600 | – | C-DAC | उन्नत संस्करण |
1994 | PARAM 9900 | – | C-DAC | – |
1998 | PARAM 10000 | ~100 GFLOPS | MNNIT प्रयागराज | बड़े संस्थानों में स्थापना |
2002 | PARAM Padma | >1 TFLOPS | C-DAC, पुणे | विश्व Top-500 सूची में शामिल |
2008 | PARAM Yuva | 54 TFLOPS | C-DAC | – |
2013 | PARAM Yuva II | 524 TFLOPS | C-DAC, पुणे | उस समय का सबसे तेज भारतीय सुपरकम्प्यूटर |
2016 | PARAM Ishan | 250 TFLOPS | IIT गुवाहाटी | पूर्वोत्तर का पहला सुपरकम्प्यूटर |
2019 | PARAM Shivay | 0.84 PFLOPS | IIT BHU, वाराणसी | NSM का पहला सुपरकम्प्यूटर |
2019 | PARAM Brahma | 1.7 PFLOPS | IISER पुणे | शोध हेतु |
2020 | PARAM Siddhi-AI | 5.2 PFLOPS | C-DAC, पुणे | AI आधारित, विश्व Top-100 में |
2021 | PARAM Rudra | 1–3 PFLOPS (वितरित) | पुणे व अन्य केंद्र | वितरित सुपरकम्प्यूटिंग |
2022 | PARAM Pravega | 3.3 PFLOPS | IISc, बेंगलुरु | भारत का सबसे शक्तिशाली (2022) |
2022 | PARAM Shakti | 1.66 PFLOPS | IIT खड़गपुर | – |
2022 | PARAM Ganga, Anant, Himalaya आदि | ~1 PFLOPS | विभिन्न IITs/NITs | शोध व शिक्षा हेतु |
2023 | PARAM Airawat | 8.5 PFLOPS (410 AI PFLOPS) | C-DAC, पुणे | भारत का सबसे शक्तिशाली AI सुपरकम्प्यूटर |
👉 प्रमुख पड़ाव:
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पहला (1991) → PARAM 8000
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पहला PFLOPS स्तर (2002) → PARAM Padma
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सबसे शक्तिशाली AI (2023) → PARAM Airawat
प्रत्यूष सुपरकम्प्यूटर
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प्रत्यूष (Pratyush) एक Cray XC40 सुपरकम्प्यूटर है।
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क्षमता: 6.8 पेटाफ्लॉप्स।
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संस्थान: पृथ्वी विज्ञान विभाग व NCMRWF।
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उपयोग: मौसम व जलवायु अनुसंधान।
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रैंकिंग: जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के बाद दुनिया का चौथा सबसे तेज मौसम व जलवायु अनुसंधान हेतु सुपरकम्प्यूटर।
निष्कर्ष
भारत का सुपरकम्प्यूटर कार्यक्रम आज वैश्विक स्तर पर एक मिसाल है। PARAM श्रृंखला से लेकर Pratyush और Airawat तक भारत ने साबित कर दिया कि आत्मनिर्भरता और अनुसंधान से किसी भी तकनीकी चुनौती को पार किया जा सकता है।
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