भाग 3: तुगलक वंश और लोदी वंश
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शासक/वंश |
अवधि/तथ्य |
महत्वपूर्ण विवरण/असफल योजनाएँ |
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तुगलक वंश |
1320–1414 (94 वर्ष) |
सबसे लंबा शासनकाल। |
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गयासुद्दीन तुगलक |
1320–1325 |
गाजी मलिक के नाम से सिंहासन पर बैठा।
अपने नाम के साथ 'गाजी' (योद्धा) शब्द जोड़ने वाला पहला सुल्तान। |
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नीति |
रस्मे-मियान |
उसने रस्मे-मियान या मध्यपंथी नीति अपनाई। |
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साम्राज्य विस्तार |
दक्कन के राज्य |
इसके समय में दक्कन के राज्यों को पहली बार दिल्ली सल्तनत में शामिल किया
गया। |
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निजामुद्दीन औलिया |
कथन |
सूफी संत निजामुद्दीन औलिया ने
कहा था, "हुनूज दिल्ली दूर अस्त" (दिल्ली अभी बहुत दूर है)। |
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मोहम्मद बिन तुगलक |
1325–1351 |
मूल नाम उलूग खान या फ़खरुद्दीन जौना खान।
मध्यकालीन सभी सुल्तानों में सर्वाधिक शिक्षित, विद्वान एवं योग्य। |
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उपाधि |
पागल एवं रक्त-पिपासु |
सनक भरी योजनाओं के कारण उसे 'पागल' एवं 'रक्त-पिपासु' सुल्तान कहा गया। |
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साम्राज्य विस्तार |
23 प्रांत |
दिल्ली सल्तनत की सीमा का सर्वाधिक विस्तार इसके शासनकाल में हुआ (कुल 23 प्रांत)। |
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असफल योजनाएँ |
राजधानी परिवर्तन, सांकेतिक मुद्रा |
दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि, राजधानी परिवर्तन (दिल्ली से देवगिरि/दौलताबाद, 1329), सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन
(पीतल और तांबे के सिक्के)। |
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कृषि विभाग |
दीवान-ए-अमीर कोही |
कृषि के विकास के लिए इस नवीन
विभाग की स्थापना की। |
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धार्मिक सहिष्णुता |
हिंदू त्योहार |
दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान
जिसने हिंदू त्योहारों (होली, दिवाली) में भाग लिया। |
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इब्न बतूता |
मोरक्को यात्री |
मोरक्को निवासी, उसके शासनकाल में भारत आया।
दिल्ली का मुख्य काजी नियुक्त हुआ। उसने रेहला नामक ग्रंथ की रचना की। |
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फिरोजशाह तुगलक |
1351–1388 |
मोहम्मद बिन तुगलक का चचेरा
भाई। |
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सैन्य/वेतन सुधार |
आनुवंशिकता |
सेना में आनुवंशिकता की प्रथा आरंभ की। सैनिकों को
नकद वेतन बंद कर भू-राजस्व वसूलने का अधिकार (इकता) दिया। |
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जजिया कर |
ब्राह्मणों पर लागू |
वह पहला सुल्तान था जिसने जजिया
को खराज से अलग किया और ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगाया। |
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कुरान के अनुसार कर |
4 प्रकार |
खराज (भूमिकर), जकात (मुस्लिमों पर धार्मिक कर), जजिया (गैर-मुस्लिमों से), और खुम्स (युद्ध में लूटी
संपत्ति का 1/5 राज्य का हिस्सा)। |
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लोक कल्याण |
दीवान-ए-खैरात, दार-उल-शफा |
दीवान-ए-खैरात (दान विभाग) और दार-उल-शफा (एक बड़ा अस्पताल) बनवाया। |
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नगरों की स्थापना |
फिरोजशाह कोटला, जौनपुर, हिसार |
फिरोजशाह कोटला (राजधानी बनाया), फिरोजपुर, हिसार, जौनपुर आदि शहर बसाए। |
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तैमूर लंग का आक्रमण |
1398 ईस्वी |
नसिरुद्दीन महमूद (तुगलक वंश का अंतिम शासक) के
शासनकाल में। 15 दिन तक दिल्ली में कत्लेआम
करवाया। |
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सैय्यद वंश |
1414–1451 |
स्थापना खिज्र खान ने की। |
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लोदी वंश |
1451–1526 |
स्थापना बहलोल खान लोदी (पश्तून समुदाय का मुखिया) ने
की। |
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बहलोल लोदी |
सबसे लंबा शासनकाल |
38 वर्ष तक शासन किया, जो दिल्ली सल्तनत के किसी भी सुल्तान का सबसे लंबा शासनकाल है। |
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सिकंदर लोदी |
1489–1517 |
बचपन का नाम निजाम खान था। उसने 1503 में आगरा शहर की नींव रखी और राजधानी दिल्ली से आगरा
स्थानांतरित की। |
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इब्राहिम लोदी |
1517–1526 |
लोदी वंश का अंतिम शासक। 1526 में बाबर द्वारा पानीपत की पहली लड़ाई में मारा गया। |

