Powered By Blogger

Thursday, October 16, 2025

रिवीजन नोट्स मध्य कालीन भारत भाग 5: विजयनगर और बहमनी साम्राज्य

 


भाग 5: विजयनगर और बहमनी साम्राज्य

शासक/वंश/विभाग

तथ्य/विवरण

महत्वपूर्ण उपलब्धि

विजयनगर साम्राज्य

संस्थापक

हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ईस्वी में तुंगभद्रा नदी के दक्षिणी तट पर स्थापना की।

राजधानी

हंपी

वर्तमान कर्नाटक में स्थित।

वंश क्रम

संगम, सालुव, तुलुव, अरविदु

संगम वंश 1336–1485 तक चला।

बक्का I की उपाधि

वेदमार्ग प्रतिष्ठापक

वेदों और अन्य धार्मिक ग्रंथों की नवीन टीकाएँ लिखवाईं।

कृष्णदेव राय

उपाधियाँ

अभिनव भोज या आंध्र भोज के रूप में प्रसिद्ध थे।

कृष्णदेव राय की रचनाएँ

आमुक्तमाल्यद, जाम्बवती कल्याणम

तेलुगु ग्रंथ आमुक्तमाल्यद और संस्कृत नाटक जाम्बवती कल्याणम की रचना की।

अष्ट दिग्गज

तेलुगु कवि

उनके दरबार में तेलुगु साहित्य के 8 सर्वश्रेष्ठ कवि रहते थे। अल्लसानि पेद्दन (तेलुगु कविता के पितामह) इनमें शामिल थे।

बाबर का मत

सर्वाधिक शक्तिशाली शासक

बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-बाबरी में कृष्णदेव राय को भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक बताया।

विदेशी यात्री

डोमिंगोस पायस, फर्नाओ नूनीज़

कृष्णदेव राय के समय में विजयनगर की यात्रा पर आए थे।

तालीकोटा का युद्ध

25 जनवरी, 1565

इसे राक्षसी-तंगड़ी का युद्ध या बन्नीहट्टी का युद्ध भी कहते हैं। विजयनगर (रामराया) की हार हुई।

नायकर व्यवस्था

अमरम

सेनानायकों (नायकों) को वेतन के बदले विशेष भू-खंड दिए जाते थे, जिन्हें अमरम कहा जाता था।

अयंगार व्यवस्था

12 प्रशासकीय अधिकारी

ग्रामीण प्रशासन से जुड़ी थी, गांव पर शासन हेतु 12 प्रशासकीय अधिकारियों (आयंगार) की नियुक्ति की जाती थी।

मुद्राएँ

वराह/पेगोडा

विजयनगर के शासकों ने सोने के सिक्के चलवाए, जिन्हें वराह तथा पेगोडा के नाम से जाना जाता था।

बहमनी सल्तनत

संस्थापक

अलाउद्दीन बहमन शाह (हसन गंगू), 3 अगस्त 1347 को स्थापना की।

विघटन

दक्कन की सल्तनतें

बहमनी साम्राज्य पाँच भागों में बँट गया: अहमदनगर, बीजापुर, बरार, गोलकोंडा और बीदर।

चाँद बीबी

अहमदनगर

1596 में मुगल आक्रमण के खिलाफ निजाम शाह वंश (अहमदनगर) का बचाव किया।