Ø ह्यूमन
रिप्रोडक्शन के तीन स्टेप्स होते हैं –
Ø
गैमिटोजेनेशिस
(फर्टिलाइजेशन से पहले)
Ø प्रजनन
कोशिकाओं - गैमीट (स्पर्म और ओवम) का निर्माण + शुक्राणु का मादा फैलोपिन ट्यूब
में प्लेसमेंट, जिसे गर्भाधान (impregnation) कहा
जाता है.
फर्टिलाइजेशन
Ø एक मेल
गैमीट (स्पर्म) + एक फेमेल गैमीट (ओवम) = जायगोट यानी युग्मनज (हैपलोयड सेल)
Ø यह कार्य
फैलोपिन ट्यूब में होता है.
Ø इसके बाद
जायगोट यूट्रस में आ जाता है जहाँ क्लीवेज की प्रक्रिया आरम्भ होती है.
Ø फर्टिलाइजेशन
के बाद, ओव्यूलेशन साइकल में अगला ओवा बनना बंद
हो जाता है.
विदलन (क्लीवेज- Cleavage)
Ø जायगोट
के तेजी से कई छोटी कोशिकाओं (जिन्हें ब्लास्टोमियर्स कहते हैं) में विभाजित होने
की प्रक्रिया (माईटोसिस से)
Ø जब
कोशिकाओं की संख्या 100 से अधिक हो जाती है, तो बनने
वाली संरचना को ब्लास्टुला कहा जाता है।
Ø
भ्रूणजनन (एम्ब्रियोजेनेसीस)
Ø भ्रूण
विकास की प्रक्रिया है.
Ø एंब्रियो
(भ्रूण) एक बहुकोशिकीय जीव के विकास का प्रारंभिक चरण है, जो
शुक्राणु द्वारा अंडे के निषेचन के बाद शुरू होता है.
Ø मनुष्यों
में, गर्भाधान के बाद पहले आठ सप्ताह तक अजन्मे
बच्चे को भ्रूण कहा जाता है, जिसके बाद इसे
गर्भस्थ शिशु (fetus) कहा जाता है.
Ø यह
मॉर्फोजेनेसिस नामक एक बड़ी जैविक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें
किसी जीव को उसका आकार मिलता है।
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