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Sunday, November 2, 2025

प्रजनन, रिप्रोडक्शन, human reproduction,

 

Ø ह्यूमन रिप्रोडक्शन के तीन स्टेप्स होते हैं –

Ø 

गैमिटोजेनेशिस (फर्टिलाइजेशन से पहले)

Ø प्रजनन कोशिकाओं - गैमीट (स्पर्म और ओवम) का निर्माण + शुक्राणु का मादा फैलोपिन ट्यूब में प्लेसमेंट, जिसे गर्भाधान (impregnation) कहा जाता है.

फर्टिलाइजेशन

Ø एक मेल गैमीट (स्पर्म) + एक फेमेल गैमीट (ओवम) = जायगोट यानी युग्मनज (हैपलोयड सेल)

Ø यह कार्य फैलोपिन ट्यूब में होता है.

Ø इसके बाद जायगोट यूट्रस में आ जाता है जहाँ क्लीवेज की प्रक्रिया आरम्भ होती है.

Ø फर्टिलाइजेशन के बाद, ओव्यूलेशन साइकल में अगला ओवा बनना बंद हो जाता है.

विदलन (क्लीवेज- Cleavage)

Ø जायगोट के तेजी से कई छोटी कोशिकाओं (जिन्हें ब्लास्टोमियर्स कहते हैं) में विभाजित होने की प्रक्रिया (माईटोसिस से)

Ø जब कोशिकाओं की संख्या 100 से अधिक हो जाती है, तो बनने वाली संरचना को ब्लास्टुला कहा जाता है।

Ø

भ्रूणजनन (एम्ब्रियोजेनेसीस)

Ø भ्रूण विकास की प्रक्रिया है.

Ø एंब्रियो (भ्रूण) एक बहुकोशिकीय जीव के विकास का प्रारंभिक चरण है, जो शुक्राणु द्वारा अंडे के निषेचन के बाद शुरू होता है.

Ø मनुष्यों में, गर्भाधान के बाद पहले आठ सप्ताह तक अजन्मे बच्चे को भ्रूण कहा जाता है, जिसके बाद इसे गर्भस्थ शिशु (fetus) कहा जाता है.

Ø यह मॉर्फोजेनेसिस नामक एक बड़ी जैविक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें किसी जीव को उसका आकार मिलता है।

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