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Sunday, September 21, 2025

जेजाक-भुक्ति के चंदेल वंश का इतिहास | खजुराहो मंदिर और चंदेल शासक


 


जेजाक-भुक्ति के चंदेल वंश (9वीं – 13वीं शताब्दी)

भारत के मध्य क्षेत्र बुंदेलखंड में चंदेल वंश (9वीं से 13वीं शताब्दी) ने गौरवपूर्ण इतिहास रचा। ये मूलतः गुर्जर-प्रतिहारों के सामंत थे, लेकिन 9वीं शताब्दी में जब गुर्जर प्रतिहारों का पतन हुआ, तो चंदेल एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में उभरे।


संस्थापक और प्रारंभिक शासक

  • संस्थापक: नन्नुक चंदेल (लगभग 831-845 ई.)

  • राजधानी: खजुराहो

  • उत्तराधिकारी → वकापति, उसके बाद जयशक्ति

  • जयशक्ति (जय जक) के नाम पर ही इस क्षेत्र को जेजाक-भुक्ति कहा जाने लगा।


यशोवर्मन (925–950 ईस्वी)

  • कालिंजर किले पर विजय प्राप्त की।

  • खजुराहो में प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर का निर्माण।


धंग (950–999 ईस्वी)

  • यशोवर्मन का उत्तराधिकारी।

  • इस काल तक चंदेल एक संपूर्ण संप्रभु शक्ति बन चुके थे।

  • खजुराहो में विश्वनाथ मंदिर बनवाया।

  • धंगदेव, पंजाब के राजा जयपाल का सहयोगी था।

  • जब जयपाल की गजनी के सबुक्तगीन से पराजय हुई, तब चंदेलों ने स्थिति संभाली।


विद्याधर (धंग का पुत्र)

  • चंदेलों का सबसे शक्तिशाली शासक

  • महमूद गजनवी के आक्रमणों को विफल किया।

  • कन्नौज के प्रतिहार राजा की हत्या की।

  • खजुराहो का विश्वप्रसिद्ध कंदारिया महादेव मंदिर विद्याधर ने बनवाया।


परमार्दि देव (1165–1203 ईस्वी)

  • चंदेलों का अंतिम शक्तिशाली शासक।

  • राजधानी को खजुराहो से महोबा स्थानांतरित किया।

  • 1182 ईस्वी में पृथ्वीराज चौहान ने चंदेल राज्य पर आक्रमण कर महोबा को लूटा

  • उनके वीर सेनापति आल्हा और उदल की शौर्यगाथा को कवि जगनिक ने आल्हा खंड महाकाव्य में अमर कर दिया।

  • परमार्दि देव ने अपनी शक्ति पुनः स्थापित की और 1202 ईस्वी तक शासन किया।

  • लेकिन 1202 में कुतुब-उद-दीन ऐबक के आक्रमण से चंदेल वंश का लगभग अंत हो गया।


चंदेल वंश का पतन और नए राजवंशों का उदय

चंदेलों के पतन के बाद इस क्षेत्र में नए वंशों का उदय हुआ:

  • ओरछा क्षेत्र → बुंदेला

  • बांधवगढ़ क्षेत्र → बघेल


🟢 निष्कर्ष

चंदेल वंश भारतीय इतिहास में अपने भव्य मंदिर निर्माण, शौर्य, और स्वतंत्र सत्ता के लिए जाना जाता है। खजुराहो के मंदिर आज भी उनकी महान कला और स्थापत्य के साक्षी हैं।


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चंदेल वंश पर MCQs

1. चंदेल वंश की स्थापना किसने की थी?
a) यशोवर्मन
b) नन्नुक चंदेल
c) धंग
d) जयशक्ति
👉 उत्तर: b) नन्नुक चंदेल


2. चंदेल वंश की राजधानी कहाँ थी?
a) कालिंजर
b) महोबा
c) खजुराहो
d) बांधवगढ़
👉 उत्तर: c) खजुराहो
(बाद में परमार्दि देव ने राजधानी महोबा स्थानांतरित की थी।)


3. ‘जेजाक-भुक्ति’ नाम किस शासक के नाम पर पड़ा था?
a) वकापति
b) जयशक्ति (जय जक)
c) यशोवर्मन
d) विद्याधर
👉 उत्तर: b) जयशक्ति (जय जक)


4. खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
a) धंग
b) विद्याधर
c) यशोवर्मन
d) परमार्दि देव
👉 उत्तर: c) यशोवर्मन


5. खजुराहो का विश्वनाथ मंदिर किस शासक ने बनवाया था?
a) धंग
b) जयशक्ति
c) यशोवर्मन
d) विद्याधर
👉 उत्तर: a) धंग


6. खजुराहो का कंदारिया महादेव मंदिर किस शासक के काल में बना?
a) नन्नुक चंदेल
b) धंग
c) विद्याधर
d) परमार्दि देव
👉 उत्तर: c) विद्याधर


7. किस चंदेल शासक ने महमूद गजनवी के आक्रमणों को विफल किया था?
a) धंग
b) यशोवर्मन
c) विद्याधर
d) परमार्दि देव
👉 उत्तर: c) विद्याधर


8. परमार्दि देव (राव परमल) के सेनापति कौन थे जिनकी वीरता आल्हा खंड में गाई गई है?
a) आल्हा और उदल
b) धंग और विद्याधर
c) जयपाल और जयशक्ति
d) जगनिक और जयशक्ति
👉 उत्तर: a) आल्हा और उदल


9. किस कवि ने ‘आल्हा खंड’ महाकाव्य लिखा?
a) पद्मगुप्त
b) जगनिक
c) मेरूतुंग
d) धनपाल
👉 उत्तर: b) जगनिक


10. किसके आक्रमण से चंदेल वंश का लगभग अंत हो गया?
a) पृथ्वीराज चौहान
b) महमूद गजनवी
c) इल्तुतमिश
d) कुतुब-उद-दीन ऐबक
👉 उत्तर: d) कुतुब-उद-दीन ऐबक (1202 ईस्वी)