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Sunday, September 21, 2025

त्रिपुरी के कलचुरी वंश का इतिहास | कोकल्ल से लक्ष्मीकर्ण तक का विस्तार और पतन (Kalachuri of Tripuri, Kalachuri of Chedi, Kokall I, Shankargan, Yuvraj I, Lakshmanraj, Kokall II, Gangeydev Vikramaditya, Lakshmikarna, History of Tripuri, History of Madhya Pradesh, Kalachuri Dynasty)

 




त्रिपुरी के कलचुरी वंश का इतिहास

स्थापना

  • कलचुरी वंश की स्थापना कोकल्ल प्रथम ने लगभग 845 ई. में की।
  • राजधानी: त्रिपुरी (वर्तमान में जबलपुर के निकट तेवर, मध्य प्रदेश)।
  • इन्हें चेदि के कलचुरी भी कहा जाता है।
  • शासन काल: 7वीं से 13वीं शताब्दी तक मध्य भारत
  • काल गणना: त्रैकूटक संवत (249-250 ई. से प्रारंभ), जिसका उल्लेख त्रिकूटक राजवंश और भरूच के गुर्जर शासकों के दानपत्रों में मिलता है।

कोकल्ल प्रथम

  • कोकल्ल प्रथम ने अपनी शक्ति का विस्तार किया।
  • विलहारी लेख में उल्लेख है कि उसने दक्षिण में कृष्णराज और उत्तर में परमार राजा भोज को पराजित किया और अपने कीर्ति स्तम्भ स्थापित किए।

शंकरगण (878–888 ई.)

  • कोकल्ल का बड़ा पुत्र।
  • दक्षिणी कोशल के शासक को पराजित कर पाली पर अधिकार किया।
  • मृत्यु के बाद पुत्र बालहर्ष और युवराज प्रथम उत्तराधिकारी बने।

युवराज प्रथम (केयूर वर्ष)

  • गौड़ और कलिंग को युद्ध में पराजित किया।
  • लाट प्रदेश की भी विजय की।
  • राजशेखर ने उसके दरबार में रहते हुए काव्यमीमांसा और सिद्धसालभंजिका की रचना की।
  • राजशेखर ने युवराज को "उज्जयिनी भुजंग" कहा।

  • लक्ष्मणराज
  • युवराज प्रथम का पुत्र।
  • उड़ीसा, बंगाल और कोशल पर विजय।
  • उड़ीसा अभियान में शासक से सोने और मणियों से निर्मित कलिया नाग प्राप्त किया।
  • सोमनाथ पत्तन की विजय।
  • शैव मतावलंबी शासक।
  • पुत्र शंकरगण और युवराज द्वितीय निर्बल शासक रहे।

कोकल्ल द्वितीय (1019 ई. तक)

  • युवराज द्वितीय का पुत्र।
  • कलचुरी प्रतिष्ठा पुनः स्थापित की।
  • चामुण्डाराज चालुक्य राजा को पराजित किया।
  • गौड़ और कुन्तल पर विजय।

गांगेयदेव विक्रमादित्य (1019–1040 ई.)

  • कोकल्ल द्वितीय का पुत्र।
  • शैव मतावलंबी।
  • विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
  • भोज परमार और राजेन्द्र चोल के साथ संघ बनाकर चालुक्य जयसिंह पर आक्रमण किया, पर सफलता नहीं मिली।
  • अंग, उत्कल, काशी, प्रयाग पर विजय।
  • 1019 ई. में तिरहुत (उ. बिहार) तक प्रभुसत्ता।
  • प्रयाग और वाराणसी की रक्षा विदेशी हमलावरों और पाल राजाओं से की।


लक्ष्मीकर्ण (कर्णदेव) (1040–1070 ई.)

  • गांगेयदेव का पुत्र।
  • चालुक्य नरेश भीम के साथ मिलकर परमार भोज को हराया।
  • त्रिकलिंगाधिपति की उपाधि धारण की।
  • चंदेल नरेश कीर्तिवर्मन से पराजित होकर राज्य दुर्बल हुआ।
  • अंतिम काल में चंदेल त्रैलोक्यवर्मन ने विजयसिंह को हराकर त्रिपुरी को अपने राज्य में मिला लिया।

अंतिम शासक

  • इस वंश का अंतिम ज्ञात शासक त्रिलोकीमल था, जिसने 1212 ई. तक शासन किया।

निष्कर्ष

त्रिपुरी के कलचुरी वंश ने मध्य भारत में लगभग पाँच शताब्दियों तक शासन किया। कोकल्ल प्रथम, युवराज प्रथम, गांगेयदेव और लक्ष्मीकर्ण इसके प्रमुख शासक थे। इनकी सैन्य विजय, सांस्कृतिक योगदान और राजनैतिक संबंधों ने भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। किंतु 12वीं शताब्दी के बाद इनकी शक्ति क्षीण होती गई और चंदेल वंश ने अंततः त्रिपुरी को अपने अधीन कर लिया।

MCQ Question-Answer (त्रिपुरी के कलचुरी वंश)

Q1. त्रिपुरी के कलचुरी वंश की स्थापना किसने की थी?
a) शंकरगण
b) कोकल्ल प्रथम
c) गांगेयदेव
d) लक्ष्मीकर्ण
👉 उत्तर: b) कोकल्ल प्रथम (845 ई.)


Q2. त्रिपुरी के कलचुरियों को और किस नाम से जाना जाता है?
a) हैहय वंश
b) चेदि के कलचुरी
c) गुर्जर प्रतिहार
d) चालुक्य
👉 उत्तर: b) चेदि के कलचुरी


Q3. त्रिपुरी के कलचुरी किस संवत का प्रयोग करते थे?
a) विक्रम संवत
b) शक संवत
c) त्रैकूटक संवत
d) कलचुरी संवत
👉 उत्तर: c) त्रैकूटक संवत


Q4. किस कलचुरी शासक ने गौड़ और कलिंग को परास्त किया?
a) युवराज प्रथम
b) लक्ष्मणराज
c) कोकल्ल द्वितीय
d) गांगेयदेव
👉 उत्तर: a) युवराज प्रथम


Q5. "उज्जयिनी भुजंग" की उपाधि किसे दी गई थी?
a) शंकरगण
b) युवराज प्रथम
c) लक्ष्मणराज
d) गांगेयदेव
👉 उत्तर: b) युवराज प्रथम (राजशेखर द्वारा)


Q6. किस शासक ने उड़ीसा से कलिया नाग की प्रतिमा छीनकर लाई थी?
a) कोकल्ल प्रथम
b) शंकरगण
c) लक्ष्मणराज
d) लक्ष्मीकर्ण
👉 उत्तर: c) लक्ष्मणराज


Q7. गांगेयदेव विक्रमादित्य किस वंश का शासक था?
a) चेदि के कलचुरी
b) चालुक्य
c) परमार
d) चंदेल
👉 उत्तर: a) चेदि के कलचुरी


Q8. गांगेयदेव ने किस उपाधि को धारण किया था?
a) परमभट्टारक
b) विक्रमादित्य
c) त्रिकलिंगाधिपति
d) उज्जयिनी भुजंग
👉 उत्तर: b) विक्रमादित्य


Q9. लक्ष्मीकर्ण ने किस उपाधि को धारण किया?
a) विक्रमादित्य
b) त्रिकलिंगाधिपति
c) चक्रवर्ती
d) उज्जयिनी भुजंग
👉 उत्तर: b) त्रिकलिंगाधिपति


Q10. त्रिपुरी के कलचुरी वंश का अंतिम शासक कौन था?
a) गांगेयदेव
b) लक्ष्मीकर्ण
c) त्रिलोकीमल
d) युवराज द्वितीय
👉 उत्तर: c) त्रिलोकीमल (1212 ई. तक शासन)


📘 Note:
ये MCQs छात्रों के लिए Quick Revision Material हैं।

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