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Thursday, September 18, 2025

संविधान किसे कहते हैं? What is constitution


 संविधान किसे कहते हैं? 

अंग्रेजी भाषा के कांस्टिट्यूशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द कांस्टीट्यूट से हुई, जिसका अर्थ शासन करने वाला सिद्धांत है। किसी देश का संविधान एक ऐसा चार्टर या दस्तावेज होता है, जिसमें राज्य के तीनों अंगो- विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका की रूपरेखा, उनके कर्तव्यों और उनकी शक्तियों का उल्लेख किया जाता है। इसे देश की सर्वोत्तम आधारभूत विधि कहा जा सकता है।

संविधान क्या होता है

संविधान को उर्दू में आइन कहा जाता है, आइन वह आइना होता है जिसमें देखकर कोई मुल्क अपना रूप निखारता है।

संविधान की आवश्यकता क्यों होती है?

मानव को जीवन में भोजन, पानी, आवास और शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षण, भेदभाव खिलाफ सुरक्षा, व्यक्ति और समुदाय के रूप में पहचान और सम्मान जैसी चीजों की आवश्यकता होती है। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए शासन व्यवस्था जैसी अवधारणाओं का विकास हुआ। शासन या सरकार अपने बहुआयामी एवं विस्तृत दायित्वों को पुरा कर सके इसलिए उसे अपार शक्तियां प्रदान की जाती हैं। लेकिन इतिहास साक्षी है, कि जब शासन को किसी देश के संसाधनों का दोहन करने की अपार एवं अनियंत्रित शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं, तो शासन व्यवस्था में भ्रष्टाचार, तानाशाही और शोषण का खतरा बढ़ जाता है। 

शासक का जनता द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव इन चुनौतियों को हल करने में कुछ हद तक तो सहायक होती है, लेकिन पर्याप्त नहीं। शासन व्यवस्था को नियमित करने के लिए कुछ बुनियादी सिद्धांतो की भी आवश्यकता होती है जो ये सुनिश्चित करते हैं कि शासन द्वारा अपनी शक्तियों का उपयोग जनता के हित में किया जाए। जैसे फुटबॉल प्रतिस्पर्द्धा में सभी खिलाड़ियों को नियंत्रित करने के लिए कुछ निश्चित नियमो और रेफरी की आवश्यकता होती है, वैसे ही शासन व्यवस्था को सुचारूरूप से संचालित करने के लिए भी कुछ बुनियादी सिद्धांतों की आवश्यकता पड़ती है।

राज्यव्यवस्था से संबंधित इन्हीं बुनियादी सिद्धांतों का प्रतिपादन संविधान में किया जाता है। संविधान एक प्रकार का सर्वाेच्च कानून होता है, जो शासन व्यवस्था के तीनों अंगों - विधायिका, कार्यपालिका व न्यायपालिका को स्थापित, संगठित, नियमित और सशक्त करता है।