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Friday, October 17, 2025

भाग 11: अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage)

 


भाग 11: अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage)

कला/परंपरा/शिल्प

राज्य/क्षेत्र

मुख्य विशेषताएँ और विवरण

कुटियाट्टम

केरल

यह संस्कृत परंपराओं पर आधारित सबसे पुराना पारंपरिक थियेटर है।

वैदिक जप की परंपरा

भारत

यह विश्व की सबसे पुरानी जीवित सांस्कृतिक परंपराओं में से एक है।

रामलीला

उत्तर भारत (अयोध्या, रामनगर, बनारस, वृंदावन, अल्मोड़ा, सतना, मधुबनी की सर्वाधिक प्रचलित हैं)

यह रामायण महाकाव्य का दृश्यों की एक शृंखला में प्रदर्शन है जिसमें गीत, कथन, गायन और संवाद शामिल हैं।

रम्माण

उत्तराखंड (सलूर-डुंगरा के जुड़वाँ गाँव)

यह प्रतिवर्ष अप्रैल के अंत में मनाया जाने वाला एक धार्मिक त्योहार है, जो संरक्षक देवता भूमियाल देवता के सम्मान में होता है। इसमें राम महाकाव्य और विभिन्न किंवदंतियों के एक संस्करण का पाठ, गीत और मुखौटा नृत्यों का प्रदर्शन शामिल है।

छऊ नृत्य

पूर्वी भारत (सरायकेला-झारखंड, पुरुलिया-पश्चिम बंगाल, मयूरभंज-ओडिशा)

इसमें महाभारत और रामायण सहित महाकाव्यों के प्रसंगों, स्थानीय लोककथाओं तथा अमूर्त विषयों का अभिनय किया जाता है। इसकी उत्पत्ति नृत्य और मार्शल प्रथाओं के स्वदेशी रूपों से हुई है। सरायकेला और पुरुलिया शैलियों में मुखौटे का उपयोग होता है।

कालबेलिया लोक गीत और नृत्य

राजस्थान

यह कालबेलिया समुदाय की पारंपरिक जीवन शैली की अभिव्यक्ति है, जो एक समय पेशेवर साँप संचालक थे। लहराती काली स्कर्ट में महिलाएँ नागिन की हरकतों की नकल करते हुए नृत्य करती हैं।

मुडियेट्टु

केरल

यह देवी काली और राक्षस दारिका के बीच युद्ध की पौराणिक कथा पर आधारित एक अनुष्ठानिक नृत्य नाटक है। कलाकार मंदिर के फर्श पर रंगीन पाउडर से देवी काली की एक विशाल छवि (जिसेकलाम’ कहा जाता है) बनाते हैं।

बौद्ध जप

लद्दाख

बौद्ध लामा (पुजारी) बुद्ध की भावना, दर्शन एवं शिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पवित्र ग्रंथों का जाप करते हैं। लद्दाख में महायान व वज्रयान प्रचलित हैं।

संकीर्तन

मणिपुर (मैदानी इलाके)

इसमें वैष्णव लोगों के धार्मिक अवसरों को चिह्नित करने के लिये अनुष्ठानिक गायन, ढोलक बजाना और नृत्य शामिल है।

पारंपरिक तौर पर पीतल और ताँबे के बर्तन बनाने का शिल्प

पंजाब (जंडियाला गुरु के ठठेरों का शिल्प)

यह ठंडी धातु की टिकिया को चपटा करके पतली प्लेट बनाने, और फिर इन प्लेटों को हथौड़े से पीटकर घुमावदार आकार देने की पारंपरिक तकनीक है।

नवरोज़

भारत (और अफगानिस्तान, ईरान, इराक, आदि में भी)

यह पारसियों (ज़ोरोएस्ट्रिनिइज़्म) और मुसलमानों (शिया व सुन्नी दोनों) के लिये नए वर्ष का जश्न है। यह प्रतिवर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है।

योग

भारत

इसमें आसन, ध्यान, नियंत्रित श्वास, शब्द जप और अन्य तकनीकों की एक शृंखला शामिल है।

कुंभ मेला

उत्तर भारत (इलाहाबाद, हरिद्वार, उज्जैन व नासिक में बारी-बारी से)

यह पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा है। इस दौरान यात्री पवित्र नदी में स्नान करते हैं।

दुर्गा पूजा

कोलकाता

यह हिंदू माँ देवी दुर्गा की दस दिवसीय पूजा का प्रतीक एक वार्षिक त्योहार है।

गरबा

गुजरात

यह हिंदू त्योहार नवरात्रि के अवसर पर किया जाने वाला एक अनुष्ठानिक और भक्तिपूर्ण नृत्य है, जो 'शक्ति' की पूजा के लिये समर्पित है।