मध्य प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका और
शक्तियाँ (Role and Powers of the
Governor)
राज्यपाल से संबंधित
जानकारी को निम्नलिखित बिंदुओं के तहत व्यवस्थित किया गया है:
पद और नियुक्ति (Post and Appointment)
राज्य कार्यपालिका का
मुखिया राज्य पाल होता है।
उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा
की जाती है।
वह सामान्यतः पांच वर्ष
के लिए अपने पद पर नियुक्त किया जाता है, परन्तु वह राष्ट्रपति
के प्रसाद पर्यन्त अपने पद को धारण करता है।
राज्यपाल राज्य में केन्द्र
सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है।
योग्यताएँ (Qualifications)
राज्यपाल नियुक्त किए
जाने के लिए किसी व्यक्ति में निम्नलिखित योग्यताएँ होनी चाहिए:
1. वह भारत का नागरिक हो।
2. कम से कम 35 वर्ष
की आयु पूर्ण कर चुका हो।
3. कोई लाभ का पद न धारण करता हो।
4. यदि कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन या राज्य विधानमंडल के
किसी सदन का सदस्य हो, या केन्द्रीय अथवा राज्य मंत्री परिषद का सदस्य
हो, और
उसे राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो उसे ऐसे पद से त्यागपत्र
देना होगा।
विधायी शक्तियाँ (Legislative Powers)
1. विधानमंडल का अभिन्न अंग: राज्यपाल राज्य
विधायिका का अभिन्न अंग होता है। जहाँ राज्य
विधायिका द्वि-सदनीय है, वहाँ राज्य विधानमंडल का गठन राज्यपाल, विधान सभा और विधान
परिषद से होता है, और जहाँ एक सदनीय है, वहाँ राज्यपाल तथा विधानसभा से होता है।
2. विधेयकों पर अनुमोदन: राज्य विधायिका में
प्रस्तुत कोई भी विधेयक तब तक अधिनियम नहीं बनता जब तक राज्यपाल उस पर अपना अनुमोदन
न दे दे। विधेयक प्रस्तुत होने
पर राज्यपाल के पास निम्न विकल्प होते हैं:
वह विधेयक पर सहमति दे
दे।
वह विधेयक को सदन के पुर्नविचार
हेतु वापस भेज सकता है।
वह ‘जेबी विटो’ का उपयोग कर सकता है।
वह विधेयक को राष्ट्रपति
के विचार - विमर्श हेतु आरक्षित कर सकता है।
3. सभा को संबोधित करना: वह राज्य विधान सभा को
दो अवसरों पर संबोधित करता है: प्रत्येक नए वर्ष के प्रथम सत्र के
अवसर पर, तथा नए विधान सभा की बैठक होने पर।
4. विधान सभा को भंग करना: राज्यपाल राज्य विधान
सभा को भंग कर सकता है।
5. अध्यादेश जारी करना: राज्य पाल द्वारा अध्यादेश
जारी किया जा सकता है।
6. मनोनयन:
राज्यपाल विधानपरिषद में
कुल सदस्य संख्या के 1/6 सदस्यों को
मनोनीत करता है। ये सदस्य विज्ञान, कला, साहित्य, समाजसेवा तथा सहकारिता में उल्लेखनीय योगदान
देने वाले व्यक्ति होते हैं।
वह विधानसभा में
एक सदस्य को मनोनीत करता है।
कार्यपालिक शक्तियाँ (Executive
Powers)
1. मंत्रियों की नियुक्ति: राज्यपाल मुख्यमंत्री
की नियुक्ति करता है, और मुख्यमंत्री की सलाह पर अन्य
मंत्रियों की नियुक्ति करता है। सभी मंत्री राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त
अपने पद को धारण करते हैं।
2. मंत्री परिषद् की सीमा: राज्य मंत्री परिषद् की
अधिकतम संख्या 15\% से
अधिक नहीं होनी चाहिए।
3. महाधिवक्ता: राज्यपाल द्वारा राज्य में महाधिवक्ता की
नियुक्ति की जाती है। महाधिवक्ता राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त अपने पद को धारण करता
है, और
यह राज्य सरकार की विधि सलाहकार की भांति कार्य करता
है।
4. आयोगों की नियुक्ति:
राज्यपाल राज्य
लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति करता है, लेकिन वे राज्यपाल के
प्रसाद पर्यन्त अपने पद को धारण नहीं करते हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर
हटाया जा सकता है।
राज्यपाल द्वारा राज्य
सूचना आयोग, राज्य मानवाधिकार, लोकायुक्त, राज्य
पिछड़ा वर्ग, राज्य अनुसूचित जाति व
जनजाति आयोग, और राज्य अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की
नियुक्ति की जाती है।
5. शैक्षणिक और न्यायिक नियुक्ति:
राज्यपाल विश्वविद्यालय
के कुलपति के रूप में कार्य करता है एवं उसके द्वारा उपकुलपति
की नियुक्ति की जाती है।
राज्य जिला कोर्ट के
जजों (सत्र न्यायाधीश या सेंसंन कोर्ट का जज) की नियुक्ति की जाती है।
2. मध्य प्रदेश के राज्यपालों का इतिहास (History of Governors of Madhya Pradesh)
मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण राज्यपालों और कार्यवाहकों को कालक्रमानुसार (chronologically) सूचीबद्ध किया गया है:
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राज्यपाल/कार्यवाहक
का नाम |
कार्यकाल |
मुख्य तथ्य |
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डॉ. पट्टाभि
सीतारमैया |
1 नवंबर 1956
से 13 जून 1957
तक |
पहले राज्यपाल |
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हरि विनायक पाटस्कर |
14 जून 1957
- 10 फरवरी 1965 |
ख्याति प्राप्त वकील, पूना
विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति। 1963
में पद्म विभूषण से
सम्मानित। |
|
केसबल्ली चिंगलराया
रेड्डी (के सी रेड्डी) |
11 फरवरी 1965
- 2 फरवरी 1966 तथा
10 फरवरी 1966
- 7 मार्च 1971 |
कर्नाटक राज्य (तब
मैसूर) के पहले मुख्यमंत्री थे। |
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पुरुषोत्तम विनायक
दीक्षित (पी. वी. दीक्षित) |
2 फरवरी 1966
- 9 फरवरी 1966 (कार्यवाहक) |
MP उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे (1959-1969)। बाद में लोकायुक्त बने। |
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सत्य नारायण सिन्हा |
8 मार्च 1971
- 13 अक्तूबर 1977 |
1946 में संविधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
केंद्र में कई महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री रहे। |
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निरंजन नाथ वांचू |
14 अक्तूबर 1977
- 16 अगस्त 1978 |
वरिष्ठ लोक सेवक; केरल तथा मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया। वांचू समिति ने पिछड़े क्षेत्रों के
औद्योगिक विकास पर विचार किया था। |
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चेप्पुडीरा मुथाना
पूनाचा (सी एम पूनाचा) |
17 अगस्त 1978
- 29 अप्रैल 1980 |
कुर्ग के दीवान के
घराने से; केंद्रीय रेल मंत्री और उड़ीसा के राज्यपाल भी
रहे। |
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भागवत दयाल शर्मा |
30 अप्रैल 1980
- 14 मई 1984 (अवकाश
के दौरान दो बार कार्यवाहक) |
हरियाणा राज्य के
प्रथम मुख्यमंत्री (1966)। ओडिशा के राज्यपाल भी रहे। |
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गुरु प्रसन्न सिंह |
26 मई 1981
- 9 जुलाई 1981 तथा
21 सितम्बर 1983
- 7 अक्तूबर 1983 (कार्यवाहक) |
MP उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे (1978-1984); 1992 से 1997
तक MP के
लोकायुक्त भी रहे। |
|
किजक्कयिल मथाई चांडी |
15 मई 1984
- 30 मार्च 1989 (अवकाश
के दौरान एक बार कार्यवाहक) |
केरल के प्रसिद्ध
राजनेता; गुजरात और पांडिचेरी के राज्यपाल भी रहे। |
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नारायण दत्ता ओझा |
1 दिसम्बर 1987
- 29 दिसम्बर 1987 (कार्यवाहक) |
MP उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश; बाद
में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। |
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सरला ग्रेवाल |
31 मार्च 1989
- 5 फरवरी 1990 |
मध्य प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल। भारत की दूसरी
महिला भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी। |
|
कुंवर महमूद अली खान |
6 फरवरी 1990
- 23 जून 1993 |
उत्तर प्रदेश के मेरठ
से राजनेता; प्रदेश के पहले मुस्लिम राज्यपाल। |
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मोहम्मद शफी कुरैशी |
24 जून 1993
- 21 अप्रैल 1998 |
कश्मीर के प्रमुख
राजनेता; बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में
भी कार्य किया। |
|
भाई महावीर |
22 अप्रैल 1998
- 6 मई 2003 (तारीखों
में विसंगति, स्रोत के अनुसार: 23 जून
1993 तक कार्य किया) |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक
संघ (RSS) के प्रचारक थे। |
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राम प्रकाश गुप्ता |
7 मई 2003
- 1 मई 2004 |
उत्तर प्रदेश के
उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री रहे। |
|
लेफ्टिनेंट जनरल
कृष्ण मोहन सेठ |
2 मई 2004
- 29 जून 2004 (कार्यवाहक) |
भारतीय सेना के
एडजुटेंट जनरल के रूप में सेवानिवृत्त हुए। |
|
बलराम जाखड़ |
30 जून 2004
- 29 जून 2009 |
सबसे लंबे समय तक
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य करने का गौरव प्राप्त है। |
|
रामेश्वर ठाकुर |
30 जून 2009
- 7 सितम्बर 2011 |
चार्टर्ड एकाउंटेंट; भारत
छोड़ो आंदोलन में भाग लिया; ओडिशा,
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक
के राज्यपाल भी रहे। |
|
राम नरेश यादव |
8 सितम्बर 2011
- 7 सितम्बर 2016 |
1977 से 1979
तक उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री रहे। |
|
ओम प्रकाश कोहली |
8 सितम्बर 2016
- 23 जनवरी 2018 (अतिरिक्त
प्रभार) |
2014 से 2019
तक गुजरात के पूर्व
राज्यपाल। |
|
आनंदीबेन मफतभाई पटेल |
23 जनवरी 2018
- 29 जुलाई 2019 (30 जून 2020
- 6 जूलाई 2021 अतिरिक्त
प्रभार) |
गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री। उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल। |
|
मंगूभाई छगनभाई पटेल |
8 जुलाई 2021
- वर्तमान |
मध्य प्रदेश के वर्तमान और 19वें राज्यपाल। वह गुजरात से भारतीय जनता पार्टी के नेता और
आदिवासी नेता हैं। |

