भाग 8: मराठा साम्राज्य
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शासक/वंश |
तथ्य/विवरण |
महत्वपूर्ण उपलब्धि/कार्य |
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छत्रपति शिवाजी |
1630–1680 |
मराठा साम्राज्य के संस्थापक।
जन्म शिवनेरी के किले में (1630)। |
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शिक्षक/गुरु |
दादाजी कोंडदेव, समर्थ रामदास |
दादाजी कोंडदेव (शिक्षक) और समर्थ रामदास (गुरु)। |
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प्रमुख घटनाएँ |
अफजल खान का वध |
1659 में बीजापुर के अफजल खान को मारा। |
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सूरत की लूट |
1664 |
मुगलों के व्यापारिक बंदरगाह सूरत को लूटा। |
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पुरंदर की संधि |
1665 |
राजा जय सिंह और शिवाजी के बीच
हुई। शिवाजी ने 40 में से 23 दुर्ग मुगलों को लौटाए। |
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राज्याभिषेक |
1674 |
रायगढ़ में हुआ, उन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की। राजधानी रायगढ़ घोषित की। |
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अष्ट प्रधान |
8 मंत्रियों का समूह |
राजा को सलाह देने के लिए। |
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प्रमुख मंत्री पद |
पेशवा/अमात्य |
पेशवा (पंत प्रधान) मुख्य
प्रधान/प्रधानमंत्री। अमात्य (मजुमदार) वित्त एवं राजस्व
मंत्री। |
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राजस्व व्यवस्था |
रय्यतवाड़ी |
मलिक अंबर की रय्यतवाड़ी व्यवस्था पर
आधारित थी। |
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चौथ |
कर |
पड़ोसी राज्य की आय का 1/4 हिस्सा, आक्रमण से बचने के लिए। |
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सरदेशमुखी |
कर |
पड़ोसी राज्य से वसूला जाने
वाला आय का 1/10 भाग। |
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पेशवा बालाजी विश्वनाथ |
1713–1720 |
मराठा साम्राज्य का द्वितीय
संस्थापक माना जाता है। 1719 की संधि को मराठों का मैग्नाकार्टा कहा जाता है। |
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पेशवा बाजीराव प्रथम |
सबसे शक्तिशाली |
सर्वाधिक शक्तिशाली मराठा पेशवा। |
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पेशवा बालाजी बाजीराव |
नाना साहब |
इनके शासनकाल में पानीपत का तृतीय युद्ध हुआ। |
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पानीपत का तृतीय युद्ध |
1761 |
मराठा (सदाशिव राव भाऊ) और अहमद शाह अब्दाली (अफगानिस्तान) के बीच हुआ, जिसमें मराठों की हार हुई। |

