भाग 9: सिख गुरु और साम्राज्य
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गुरु संख्या/नाम |
अवधि/तथ्य |
महत्वपूर्ण योगदान |
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गुरु नानक देव |
प्रथम गुरु (1469–1539) |
सिख धर्म के प्रवर्तक। जन्म तलवंडी (नन्काना साहिब)। लंगर प्रथा चलाई। |
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गुरु अंगद |
द्वितीय गुरु (1539–1552) |
पंजाबी लिपि 'गुरुमुखी' के जन्मदाता। |
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गुरु रामदास |
चतुर्थ गुरु (1574–1581) |
1577 ईस्वी में अमृतसर नगर की स्थापना की। |
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गुरु अर्जुन देव |
पंचम गुरु (1581–1606) |
हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) का निर्माण
कराया। जहाँगीर ने फाँसी दी। |
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गुरु तेग बहादुर |
नवम गुरु (1664–1675) |
औरंगजेब ने 1675 में दिल्ली के चाँदनी चौक में हत्या करवा दी। |
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गुरु गोबिंद सिंह |
दशम और अंतिम गुरु (1675–1708) |
गुरु प्रथा समाप्त कर गुरु ग्रंथ साहिब को एकमात्र गुरु मान लिया। |
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रणजीत सिंह |
सिख साम्राज्य संस्थापक |
सुकर चकिया मिसल के कमांडर महाराजा रणजीत सिंह (शेर-ए-पंजाब)। लाहौर को अपनी राजधानी बनाया। अमृतसर में हरमंदिर साहिब को स्वर्ण पत्र
से ढकने का काम करवाया। |
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