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Friday, October 3, 2025

रजिस्टर मेमोरी एवं कैश मेमोरी

रजिस्टर मेमोरी एवं कैश मेमोरी

यह कम्प्यूटर की स्टोरेज यूनिट है. यह कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. इसमें हम डाटा प्रोग्राम आदि को स्टोर करके रख सकते है. इसको नापने की साईज के आधार पर कई यूनिट है. जैसे बाईट, किलोबाईट, मेगाबाईट, गीगाबाईट एवं टेराबाईट इसमें सबसे छोटी यूनिट बाईट एवं सबसे बडी यूनिट टेराबाईट होती है.

यह चार प्रकार की होती है- रजिस्टर मेमोरी, कैश मेमोरी, प्राइमरी व सेकेन्डरी मेमोरी

रजिस्टर मेमोरी

कंप्यूटर के सीपीयू की स्माल साइज़ (केवल 32 से 64 बिट्स) लेकिन वेरी फ़ास्ट मेमोरी यूनिट को रजिस्टर मेमोरी कहा जाता है.

इसका काम प्रोसेसर द्वारा रियल टाइम में उपयोग किए जा रहे डेटा, इंस्ट्रक्शन और एड्रेस को केवल तब तक स्टोर करना होता है, जब तक उस पर प्रोसेसिंग चल रही हो. इसका काम प्रोसेसिंग की स्पीड फ़ास्ट करना होता है.

सीपीयू में छोटे छोटे कई रजिस्टर होते हैं, जो अलग अलग काम करते हैं, जैसे –

1.    प्रोग्राम काउंटर (Program Counter): यह रजिस्टर एक्जिक्यूट होने वाले नेक्स्ट इंस्ट्रक्शन का एड्रेस रखता है.

2.    एड्रेस रजिस्टर (Address Register): यह इस बात का रीकार्ड रखता है कि डेटा कहाँ से आ रहा है और प्रोसेसिंग के बाद कहाँ जायेगा.

3.    डेटा रजिस्टर (Data Register): यह उस डेटा को अपने पास रखता है, जिस पर प्रोसेसिंग चल रही है.

4.    एक्यूमुलेटर (Accumulator): यह मैथमेटिकल और रीजनिंग ओपरेशंस के रिजल्ट्स का रिकार्ड रखता है.

कैश मेमोरी

यह सीपीयू और रैम के बीच में विद्यमान एक ऐसी मेमोरी होती है जिसका साइज़ बहुत छोटा (लेकिन रजिस्टर मेमोरी से बड़ा) होता है.

कैश मेमोरी में ऐसा डेटा स्टोर होता है जिसका यूज सीपीयू द्वारा फ्रिक्वेंटली किया जाता है। जब भी सीपीयू को किसी डेटा की आवश्यकता होती है तो वह सबसे पहले उस डेटा को कैश मेमोरी में ढूंढता है यदि उसे वह डेटा कैश मेमोरी में नहीं मिलता है तो फिर उसे रैम से लेकर यूज कर लेता है और फ्यूचर के लिए उसकी एक कॉपी कैश में सेव कर देता है.

कैश मेमोरी एक वोलेटाईल मेमोरी होती है अर्थात इसमें हमेशा के लिए डेटा स्टोर नहीं रहता है जैसे ही कंप्यूटर स्विच ऑफ होता है तो इसमें मौजूद डेटा अपने आप डिलीट हो जाता है.

कैश मेमोरी के लिए हाई-स्पीड स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (SRAM) का उपयोग किया जाता है।

कैश मेमोरी L1, L2 तथा L3 तीन स्तरों (लेवल्स) में विभक्त होती है जिसमें L1 सीपीयू के भीतर L2 सीपीयू के उपर तथा L1 सीपीयू के कनेक्टेड होती है. इसमें L1 तीनों में सबसे छोटी और सबसे तेज होती है और L3 तीनों में सबसे बड़ी और सबसे कम तेज होती है