मॉनिटर
मॉनिटर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस
है, जिसका उपयोग कंप्यूटर से उत्पन्न जानकारी को
विज़ुअल रूप में प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है. इसे वीडियो डिस्प्ले यूनिट (VDU)
भी कहा जाता है. मॉनिटर के बिना, यूज़र्स कंप्यूटर पर चल रही प्रक्रियाओं को देख
और समझ नहीं सकते हैं.
मॉनिटर के उपयोग
मॉनिटर का मुख्य कार्य कंप्यूटर द्वारा प्रोसेस
की गई जानकारी को प्रदर्शित करना है.
मॉनिटर का उपयोग वीडियो, मूवी, गेम्स, और
अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट देखने के लिए किया जाता है.
डिजाइनर्स और आर्किटेक्ट्स मॉनिटर पर अपनी
डिज़ाइन और ग्राफिक्स का अवलोकन और संपादन करते हैं.
प्रोग्रामर कोड लिखते और डिबग करते समय मॉनिटर
का उपयोग करते हैं.
मॉनिटर का उपयोग ऑनलाइन मीटिंग्स, वेब
ब्राउज़िंग, और इंटरनेट से संबंधित कार्यों के लिए किया जाता
है.
मॉनिटर के प्रकार
सी आर टी यानी कैथोड रे ट्यूब
मॉनिटर
यह पुराने समय के मॉनिटर थे, जिनमें
एक बड़ा और भारी कैथोड रे ट्यूब होता था. आजकल ये लगभग बंद हो चुके हैं.
एल सी डी यानी लिक्विड क्रिस्टल
डिस्प्ले
ये मॉनिटर्स पतले और हल्के होने के साथ-साथ
विद्युत खपत की दृष्टि से किफायती होते हैं. ये लिक्विड क्रिस्टल टेक्नोलॉजी का
उपयोग करके तस्वीरें बनाते हैं. स्क्रीन की स्पष्टता और चमक बेहतर होती है और यह
बड़ी संख्या में डिवाइसेज़ में उपयोग किया जाता है.
एल ई डी यानी लाइट एमिटिंग डायोड
मॉनिटर
एल ई डी मॉनिटर एल सी डी मॉनिटर का ही एक प्रकार
है, लेकिन इसमें बैकलाइट के लिए एल ई डी का उपयोग
किया जाता है, जिससे यह और भी पतले होते हैं. यह उच्च
कंट्रास्ट और चमक प्रदान करता है. ये वर्तमान समय में सबसे अधिक उपयोग किए जाने
वाले मॉनिटर हैं.
ऑर्गेनिक एल ई डी यानी ओ एल ई डी
मॉनिटर
ओ एल ई डी मॉनिटर्स में प्रत्येक पिक्सेल खुद से
लाइट उत्सर्जित करता है, जिससे ब्लैक लेवल और कलर की गुणवत्ता बेहतर होती
है. ये पतले, हल्के और ऊर्जा-कुशल होते हैं, लेकिन
अन्य मॉनिटर्स की तुलना में महंगे होते हैं. ओ एल ई डी डिस्प्ले का उपयोग
स्मार्टफोन्स और हाई-एंड मॉनिटर्स में किया जाता है.
प्लाज्मा मॉनिटर
प्लाज्मा डिस्प्ले गैस डिस्चार्ज तकनीक का उपयोग
करते हैं, जिसमें एक पैनल के भीतर छोटे-छोटे गैस फिल्ड
सेल्स होते हैं. यह बड़े साइज के टीवी और मॉनिटर के लिए उपयुक्त होते हैं, लेकिन
कम रिज़ॉल्यूशन और भारी होने के कारण अब कम उपयोग में हैं.
टच स्क्रीन मॉनिटर
ये मॉनिटर यूज़र को स्क्रीन पर टच करके कंप्यूटर
को नियंत्रित करने की सुविधा देते हैं. टैबलेट, स्मार्टफोन, और
कुछ कम्प्यूटर मॉनिटर में टच स्क्रीन तकनीक का उपयोग होता है. इसे इंटरैक्टिव
कियोस्क, पीओएस (प्वाइंट आफ सेल) सिस्टम, और
शिक्षा में भी उपयोग किया जाता है.
प्रिंटर
प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस है, जिसका
उपयोग कंप्यूटर से प्राप्त डाटा (टेक्स्ट, इमेज, ग्राफिक्स
आदि) को कागज या अन्य सामग्री पर छापने के लिए किया जाता है. इसकी सहायता से डिजिटल
फाइल्स की हार्ड कॉपी तैयार की जाती है.
प्रिंटर के प्रकार
मुख्यतः प्रिंटर दो प्रकार के होते हैं -
इम्पैक्ट प्रिंटर
इम्पैक्ट प्रिंटर वे प्रिंटर होते हैं जो इंक
वाले रिबन पर चोट करके या दबाव डालकर पेपर पर करेक्टर या इमेज प्रिंट करते हैं. ये
प्रिंटर प्रिटिंग करते समय आवाज करते हैं.
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
पेपर और प्रिंटर के बीच बिना किसी फिजिकल
कॉन्टैक्ट के प्रिंटिंग करने वाली डिवाईस को नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर कहते हैं. ये
प्रिंट करते समय आवाज नहीं करते है. इंकजेट प्रिंटर, लेज़र
प्रिंटर, थर्मल प्रिंटर, डाई-सब्लिमेशन
प्रिंटर, एलईडी प्रिंटर, और
सॉलिड इंक प्रिंटर नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर के उदाहरण हैं.
इंकजेट प्रिंटर
यह प्रिंटर इंक का उपयोग करके कागज पर टेक्स्ट
और इमेज छापता है. यह इंक की छोटी बूंदों को कागज पर स्प्रे करके काम करता है. इंक
जेट प्रिंटर में इंक के चार नोजल होते है. जिनसे जुड़े टैंक में स्यान, यलो, मैजेंटा
और की ब्लैक रंग भरा होता है, इसलिये इसको CYMK
प्रिंटर भी कहा जाता है.
लेजर प्रिंटर
लेजर प्रिंटर एक नॉन-इंपैक्ट प्रिंटर होता है
जिसमें पेपर इंक के स्थान पर लेजर बीम या प्रकाश का प्रयोग किया जाता है. लेजर
प्रिंटर टोनर कार्ट्रिज का उपयोग करते हैं, टोनर
का एक कार्ट्रिज लगभग 3000 से 5000 पेज प्रिंट कर सकता है.
यह प्रिंटर लेजर बीम और इलेक्ट्रोफोटोग्राफिक
तकनीक का उपयोग करके प्रिंट करता है. यह फ़ास्ट और हाई क्वालिटी प्रिंटिंग करता है.
यह बड़ी संख्या में पेज प्रिंट करने के लिए उपयुक्त है. इसका विकास गैरी
स्टार्कवेदर ने 1969 में वेबस्टर, न्यूयॉर्क स्थित ज़ेरॉक्स रिसर्च लैब में किया
था.
लेज़र प्रिंटर का रिज़ॉल्यूशन डॉट्स प्रति इंच (dpi) में
मापा जाता है. रिज़ॉल्यूशन जितना ज़्यादा होगा, प्रिंट
उतना ही साफ़ और विस्तृत होगा. ज़्यादातर लेज़र प्रिंटर का रिज़ॉल्यूशन 600 dpi होता
है.
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक इम्पैक्ट प्रिंटर है
जो पेपर पर मनचाहे कैरेक्टर को प्रिंट करने के लिए इंक लगे एक रिबन पर पिन मारकर
इंक लगाता है. यह बिलकुल टाइपराइटर की तरह काम करता है. यह काफी स्लो प्रिंटिंग
करता है और आधुनिक लेज़र और इंकजेट प्रिंटरों की तुलना में शोर ज्यादा करता है. मल्टीपार्ट
फ़ॉर्म (जैसे चालान) एवं LIC में रिसीप्ट प्रिंट करने के लिए आज भी इसका
उपयोग किया जाता है.
थर्मल प्रिंटर
थर्मल प्रिंटर एक ऐसा डिवाइस है जो कागज़ पर
इमेज बनाने के लिए इंक या टोनर के बजाय हीट का
उपयोग करता है. यह एक हीटेड प्रिंटहेड का उपयोग करके हीट सेंसटिव पेपर (थर्मोक्रोमिक
कोटिंग वाले पेपर) को गर्म करता है, जिससे पेपर की कोटिंग काली हो जाती है और उस पर इमेज
बन जाती है.
इसका उपयोग आमतौर पर रसीदें प्रिंट करने के लिए
किया जाता है. इसका उपयोग अक्सर रिटेल स्टोर और अन्य फास्ट-प्रिंटिंग उपयोगों के
लिए होता है. लेकिन इसके प्रिंट टिकाऊ नहीं होते हैं और समय के साथ फीके पड़ जाते
हैं.
3 डी प्रिंटर
इस प्रिंटर का उपयोग थ्री-डी ऑब्जेक्ट बनाने में
किया जाता है. प्रिंटिंग की इस प्रक्रिया को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive
manufacturing) कहते है.
थ्री-डी प्रिंटर को CAM (कंप्यूटर
एडेड मैन्युफैक्चरिंग) डिवाइस भी कहते है जो इनपुट के रूप में कंप्यूटर से डिजिटल
डेटा प्राप्त करता है.
इस प्रिंटर में प्रिंटिंग के लिए रेजिन या
प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है.
इसका उपयोग मैन्युफैक्चरिंग, प्रोटोटाइपिंग, इंजीनियरिंग, और
मेडिकल इंडस्ट्री में होता है.
सब्लिमेशन प्रिंटर
सब्लिमेशन प्रिंटर एक विशेष प्रकार का प्रिंटर
होता है जो हीट का उपयोग करके डाई को कपड़े, प्लास्टिक, या
यहाँ तक कि धातु जैसी सामग्रियों पर ट्रांसफर करता
है. इसमें एक विशेष प्रकार के सब्लिमेशन
इंक का उपयोग किया जाता है जो गर्म करने पर वाष्पीकृत होकर गैस में बदल जाता है. फिर यह गैस सामग्री की सतह के साथ जुड़ जाती है, जिससे
हाई क्वालिटी टिकाऊ इमेज बनती है. सब्लिमेशन प्रिंटिंग का उपयोग कस्टम टी-शर्ट्स, मग्स,
टाईल्स इत्यादि पर डिजाईन या इमेज प्रिंट करने में किया जाता है.
प्लॉटर
प्लॉटर एक विशेष प्रकार का प्रिंटर होता है जो
कंप्यूटर-डिज़ाइन किए गए ग्राफ़िक्स जैसे कि मैप्स, आर्किटेक्चरल
प्लान, इंजीनियरिंग ड्रॉइंग, चार्ट
और बड़े पोस्टरों को कागज़ या अन्य सतहों पर बनाने के लिए पेन, मार्कर
या अन्य ड्राइंग टूल का उपयोग करता है. यह वेक्टर ग्राफिक्स को प्रिंट करता है, जो
पिक्सेल-आधारित नहीं होते, जिससे गुणवत्ता में कमी के बिना उनका आकार बदला
जा सकता है.
साडंड कार्ड
साउंड कार्ड एक कम्प्यूटर हार्डवेयर डिवाइस है,
जिसका उपयोग कंप्यूटर से ऑडियो इनपुट और आउटपुट को प्रोसेस करने के लिए किया जाता
है. इसे ऑडियो कार्ड भी कहा जाता है.
साउंड कार्ड कम्प्यूटर के मदरबोर्ड में एक
एक्सटेंशन स्लॉट में फिट किया जाता है या यह मदरबोर्ड में पहले से ही इंटीग्रेटेड
हो सकता है.
इसका मुख्य उद्देश्य कम्प्यूटर से ध्वनि उत्पन्न
करना और इनपुट ऑडियो को प्रोसेस करना होता है, जैसे
म्यूजिक, गेम्स, वीडियो
और वॉयस रिकॉर्डिंग.
मदरबोर्ड
मदरबोर्ड एक प्रमुख हार्डवेयर कंपोनेंट है, जिसे
प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) भी कहा जाता है. यह कंप्यूटर के विभिन्न घटकों को
एक साथ जोड़ने और उन्हें एक साथ काम करने के लिए एक केंद्रीय प्लेटफार्म प्रदान
करता है.
मदरबोर्ड पर कंप्यूटर के सभी मुख्य हार्डवेयर, जैसे
कि सी पी यू, रैम, स्टोरेज
डिवाइसेस और इनपुट/आउटपुट पोर्ट्स को जोड़ा जाता है.
पोर्टस
कम्प्यूटर को किसी अन्य डिवाइस से जोडने के लिये
पोर्ट का प्रयोग किया जाता है.
सीरियल पोर्ट
एक सीरियल पोर्ट कम्प्यूटर पर एक सिंक्रोनस
पोर्ट होता है जिसका उपयोग कम्प्यूटर में एक सीरियल डिवाइस को जोड़ने के लिए किया
जाता है, यह एक बार में एक बिट डेटा ट्रांसमिट करने में
सक्षम होता है. यह एक पुरानी तकनीक है. अब ज्यादातर पर्सनल कम्प्यूटर में सीरियल
पोर्ट की जगह यू एस बी पोर्ट का उपयोग किया जाता है.
SCSI -स्माल कम्प्यूटर सिस्टम इंटरफेस
एस सी एस आई (स्कजी के रूप में भी जाना जाता है), यह
पर्सनल कम्प्यूटर को पेरीफेरल हार्डवेयर जैसे डिस्क ड्राइव, टेप
ड्राइव, सीडी-रोम ड्राइव, प्रिंटर
और स्कैनर के साथ तेजी से इंट्रैक्ट करने की सुविधा प्रदान करता है.
यू एस बी
यूनिवर्सल सीरियल बस के लिए एक प्लग-एंड-प्ले
इंटरफेस है, जो कम्प्यूटर को पेरीफेरल हार्डवेयर जैस के साथ
जुडने की सुविधा प्रदान करता है.
यू एस बी-के जरिये किसी भी डिवाइस को कम्प्यूटर
से जोडा जा सकता है. यूनिवर्सल सीरियल बस (संस्करण 1.0) की पहली व्यावसायिक रिलीज
जनवरी 1996 में हुई थी.
डीवीआई (डिजिटल विजुअल इंटरफेस)
डिजिटल विजुअल इंटरफेस या डी वी आई्र डिजिटल
डिस्प्ले वर्किंग ग्रुप द्वारा निर्मित एक कनेक्टर है, जो
एक साथ एनालॉग और डिजिटल मॉनिटर को समायोजित करता है.
डी वी आई कनेक्टर और पोर्ट का उपयोग करके, एक
डिजिटल सिग्नल जो एनालॉग मॉनिटर को भेजा जाता है, एनालॉग
सिग्नल में बदला जा सकता है.
वीजीए केबल
वीडियो ग्राफिक्स (वीजीए) केबल एक प्रकार की
कम्प्यूटर केबल है जो सीपीयू से मॉनिटर तक अपेनंस कपेचसंल कंजं ले जाती है. एक
पूर्ण वीजीए केबल में प्रत्येक छोर पर एक केबल और एक कनेक्टर होता है, और
यह कनेक्टर आमतौर पर नीले रंग की होती हैं.
ग्राफिक्स कार्ड
ग्राफिक्स कार्ड का मुख्य काम इमेज और वीडियो को
डिस्प्ले पर प्रदर्शित करने के लिए प्रोसेस करना है. यह हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेज और
वीडियो को स्मूथ तरीके से रेंडर करता है, जिससे
स्क्रीन पर साफ और स्पष्ट ग्राफिक्स दिखाई देते हैं.
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (एन आई सी) एक हार्डवेयर
कंपोनेंट है जो कंप्यूटर या अन्य नेटवर्क डिवाइस को नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए
उपयोग किया जाता है. इसे नेटवर्क एडॉप्टर या लैन कार्ड भी कहा जाता है. एन आई सी
कंप्यूटर और नेटवर्क के बीच डेटा ट्रांसफर करने की अनुमति देता है, जिससे
इंटरनेट या लोकल एरिया नेटवर्क पर अन्य डिवाइसों से कनेक्ट किया जा सकता है.
यह पोस्ट Rudra’s IAS द्वारा तैयार की
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