वेब पेज
vवेब पेज वेब साईट पर
बनाया जाता है. वेब साईट बनाने के लिए डोमेन नेम और किसी
सर्वर पर स्पेस लेना पड़ता है.
vपहला वेबपेज 1990 में
बनाया गया था,
लेकिन
इसे 6 अगस्त,
1991
को जनता के लिए लॉन्च किया गया था. इसे ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने CERN में बनाया था. इसका
उद्देश्य वर्ल्ड वाइड वेब (www) के बारे में जानकारी प्रदान करना था.
डोमेन नेम कैसे मिलता
है ? ICANN तथा रजिस्टर कम्पनी
vकिसी वेबसाईट के लिए डोमेन
नेम और आईपी एड्रेस रजिस्टर कम्पनी से परचेज करना पड़ता है. रजिस्टर कम्पनी को यह डोमेन
नेम और आईपी एड्रेस ICANN (Internet Corporation
for Assigned Names and Numbers) एलॉट करता है. कुछ प्रमुख रजिस्टर कम्पनी गो डैडी,
नेमचीप है, जबकि नेट कनेक्शन के लिए आईपी एड्रेस इन्टरनेट सर्विस प्रोवाईडर द्वारा
प्रदान किया जाता है. डोमेन नेम और आईपी एड्रेस यूनिक होता है.
सर्वर पर स्पेस कहाँ
से लेना पड़ता है ? होस्टिंग सर्विस प्रोवाईडर
vसर्वर पर वेब साईट
बनाने के लिए स्पेस होस्टिंग सर्विस प्रोवाईडर कम्पनियां रेंट पर प्रदान करती हैं.
मुख्य होस्टिंग सर्विस प्रोवाईडर कंपनियों में होस्टिंगर, होस्टगेटर, AWS (अमेज़न वेब सर्विसेज), माइल्सवेब और
होस्टिंगर इंडिया शामिल हैं.
SSL (सॉकेट
सिक्योरिटी लेयर)
vवेब साईट को सुरक्षित
करने के लिए SSL (सॉकेट सिक्योरिटी
लेयर) का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. SSL दो सिस्टम (जैसे सर्वर और ब्राउज़र) के बीच एक सुरक्षित, एन्क्रिप्टेड लिंक
बनाता है. यह सत्यापित करता है कि आप सही
सर्वर से जुड़े हैं,
न कि
किसी हैकर की नकली साइट से. SSL सेफ साईट के URL में http:// की जगह https:// होता है.
हाइपरटेक्स्ट मार्कअप
लैंग्वेज (HTML)
vवेब पेज बनाने के लिए
जिस विशिष्ट लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है, उस लैंग्वेज को हाइपरटेक्स्ट मार्कअप
लैंग्वेज (HTML) कहते हैं.
vयह एक स्टैण्डर्ड
लैंग्वेज है,
जो
वेब पेज की डिजाईन और कंटेंट को परिभाषित करने के लिए टैग्स का उपयोग करती है. वेब ब्राउज़र (जैसे क्रोम
या फ़ायरफ़ॉक्स) इस HTML
कोड
को प्राप्त करते हैं और इसे इंटरप्रेट करके वेब पेज को यूजर्स के लिए प्रस्तुत
करते हैं.
HTML और
जावास्क्रिप्ट के बीच संबंध
vHTML एक मार्कअप लैंग्वेज है
जिसकी सहायता से वेब पेज को डिजाईन और लेआउट तैयार किया जाता है. यह तय करता है कि
वेबपेज में हेडिंग,
सबहेडिंग.
पैराग्राफ,
इमेज और
लिंक कहाँ दिखाई देंगे. यह स्थिर (static) होती है. एक बार पेज लोड हो जाने के बाद यह तब तक नहीं
बदलती जब तक कि उसे मैन्युअल रूप से संशोधित न किया जाए.
vजबकि जावास्क्रिप्ट एक
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जो उस पेज को इंटरैक्टिव बनाती है, जैसे बटन क्लिक करने पर
कुछ होना या सामग्री का अपने आप बदलना. जावास्क्रिप्ट पेज को गतिशील (dynamic) बनाता है. इसका उपयोग पेज को अधिक अट्रैक्टिव और रिस्पोंसिव
बनाने के लिए किया जाता है, जैसे कि ड्रॉप-डाउन मेनू, फॉर्म वैरिफिकेशन, और रियल टाइम अपडेट.
vसंक्षेप में, HTML एक वेब पेज की नींव
प्रदान करता है,
और
जावास्क्रिप्ट इसे जीवंत बनाता है, जो आधुनिक वेब अनुप्रयोगों के निर्माण के लिए एक
अनिवार्य संयोजन है.
सर्च इंजन
v1991 में पहला कंटेंट-आधारित
सर्च इंजन ‘गोफर’ विकसित किया गया. सर्च इंजन की सहायता से किसी कंटेंट को खोजने
के लिए किसी वेब एड्रेस के अभाव में कटेंट को ‘की वर्ड’ की तरह प्रयोग किया जाता
है. सर्च इंजन किसी वेब साईट की बजाय पूरे सर्वर से कंटेंट खोजकर यूजर को कई
साइट्स का विकल्प प्रदान करता है. Google, Bing (माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन), Yahoo और DuckDuckGo प्रमुख सर्च इंजन हैं.
पहला ग्राफिकल वेब
ब्राउज़र
v1993 में पहला ग्राफिकल
वेब ब्राउज़र ‘मोजेक’ (Mosaic) लॉन्च किया गया, जिसने वेब पेजों को देखने का अनुभव
आसान और आकर्षक बना दिया. इसके बाद Netscape और Internet Explorer
जैसे
लोकप्रिय ब्राउज़र आए.
ऑनलाइन बिजनेस
v1990 के दशक के मध्य
में ऑनलाइन बिजनेस आरम्भ हुआ. इसी समय
डॉट-कॉम बूम भी हुआ,
जब कई
कंपनियों ने अपनी वेबसाइटें और सेवाएँ इंटरनेट पर स्थापित कीं. 1995 को इंटरनेट के कमर्शियलायिजेशन का वर्ष
माना जाता है. इंटरनेट के कमर्शियलायिजेशन
के लिए सबसे जरुरी था सिक्योरिटी.
vइसी सन्दर्भ में सबसे
पहला SSL (सिक्योर सॉकेट्स
लेयर) एन्क्रिप्शन को नेटस्केप द्वारा विकसित किया गया, जिससे ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन (जैसे क्रेडिट कार्ड से भुगतान)
का संचालन करना सुरक्षित हो जाता है.
vदो प्रमुख ऑनलाइन
व्यवसायों की शुरुआत हुई. 1995 में इको बे
पर पहली बिक्री की गई. इको बे बाद में ईबे
बन गया. अमेजोंन.कॉम भी 1995 में शुरू हुआ, हालांकि इसने 2001 तक
कोई लाभ नहीं कमाया. 1997 में वेबलॉग शब्द
का उपयोग किया गया था.
vदुनिया का सबसे
लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल 1998 में लाइव हुआ, जिसने आनलाइन दुनिया में क्रान्ति
ला दी.
2000 का दशक- इंटरनेट
का तेज़ी से विकास
v2000 के दशक की शुरुआत में, ब्रॉडबैंड इंटरनेट और वायरलेस कनेक्शन आम हो गए, जिससे इंटरनेट की गति
और उपलब्धता में सुधार हुआ. 2000 के दशक
में Facebook
¼2004½] YouTube-2005) और Twitter (2006) जैसी सोशल मीडिया
साइट्स ने इंटरनेट का उपयोग बदल दिया.
vलोग अब एक-दूसरे से
जुड़ने और संवाद करने के लिए इंटरनेट का उपयोग बड़े पैमाने पर करने लगे. 2000 के दशक में अमेज़न और इबे जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म भी लोकप्रिय हुए, जिससे ऑनलाइन शॉपिंग
में क्रांति आई.
vविकिपीडिया को 15 जनवरी
2001 को जिमी वेल्स तथा लैरी सैंगर द्वारा लॉन्च किया गया, यह एक ऐसी वेबसाइट है, जो बड़े पैमाने पर वेब सामग्री उपलब्ध करती है.
2010 का दशक-
स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट
v2010 के दशक में
स्मार्टफोन के विकास और मोबाइल इंटरनेट के प्रसार ने इंटरनेट को और अधिक सुलभ बना
दिया. अब लोग अपने मोबाइल फोन से इंटरनेट
का उपयोग कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं. इस दशक में क्लाउड सेवाओं और स्ट्रीमिंग सेवाओं
(जैसे Netflix, Spotify) का विकास हुआ, जिसने लोगों के डेटा
स्टोरेज और मनोरंजन के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया.
5G और
इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT)
v2020 के दशक में 5G तकनीक और IOT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स)
के विकास ने इंटरनेट को और भी तेज और अधिक कनेक्टेड बना दिया है. अब इंटरनेट से जुड़े उपकरणों की संख्या बढ़ रही है, जिससे घर, वाहन, और शहर भी स्मार्ट बन
रहे हैं.
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