प्रस्तावना
भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है और इसका सबसे मजबूत आधार है सेमीकंडक्टर चिप्स। स्मार्टफोन से लेकर सुपरकंप्यूटर, रक्षा प्रणाली से लेकर अंतरिक्ष कार्यक्रम – हर जगह इन नन्हीं लेकिन ताक़तवर चिप्स का महत्व है।
✦ सेमीकंडक्टर का परिचय और महत्व
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सेमीकंडक्टर क्या हैं?
सेमीकंडक्टर ऐसे पदार्थ हैं जिनकी विद्युत चालकता चालकों और कुचालकों के बीच होती है। -
मुख्य उपयोग:
स्मार्टफोन, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक वाहन, उपग्रह और रक्षा उपकरण। -
रणनीतिक महत्व:
डिजिटलीकरण, AI और ऑटोमेशन की रीढ़। -
बाज़ार:
भारतीय चिप बाजार 2030 तक $100–110 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान।
✦ वैश्विक परिदृश्य और भारत की भूमिका
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वर्तमान स्थिति:
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ताइवान: दुनिया के 60% सेमीकंडक्टर का उत्पादन।
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90% उन्नत चिप्स ताइवान में निर्मित।
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भारत का अवसर:
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सुरक्षित व विविध सप्लाई चेन का विश्वसनीय साझेदार।
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“मेक इन इंडिया” के तहत ESDM को बढ़ावा।
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✦ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)
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घोषणा: दिसंबर 2021
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बजट: ₹76,000 करोड़
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लक्ष्य:
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चिप मैन्युफैक्चरिंग फैब्स
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पैकेजिंग व टेस्टिंग इकाइयाँ
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डिज़ाइन स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन
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कौशल विकास व वैश्विक निवेश आकर्षण
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मुख्य उपलब्धि:
2023-25 के बीच 6 प्रमुख सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी।
✦ प्रमुख प्रगति और निवेश
| कंपनी | स्थान | निवेश (₹) | क्षमता |
|---|---|---|---|
| माइक्रोन टेक्नोलॉजी | साणंद, गुजरात | ₹22,516 Cr | ATMP सुविधा |
| टाटा–PSMC | धोलेरा, गुजरात | ₹91,000 Cr | 50,000 वेफर/माह |
| सीजी पावर–रेनेसास | साणंद, गुजरात | ₹7,600 Cr | 1.5 Cr चिप/दिन |
| TSAT (टाटा) | मोरीगांव, असम | ₹27,000 Cr | 4.8 Cr चिप/दिन |
| केन्स सेमीकॉन | साणंद, गुजरात | ₹3,307 Cr | 6.33 Cr चिप/दिन |
| HCL–फॉक्सकॉन | जेवर, यूपी | ₹3,700 Cr | 20,000 वेफर/माह |
✦ सेमीकॉन इंडिया 2025
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35,000 पंजीकरण, 30,000+ फुटफॉल, 350 प्रदर्शक, 48 देशों की भागीदारी।
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जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय मंडप।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विज़न – “हर डिवाइस में इंडियन चिप्स।”
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आगामी आयोजन: 2–4 सितंबर 2025, यशोभूमि (IICC), नई दिल्ली।
✦ चुनौतियाँ और भविष्य की रणनीति
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उच्च निवेश: एक फैब = $10–15 बिलियन लागत।
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तकनीकी निर्भरता: IP और पेटेंट बड़ी कंपनियों के पास।
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सुरक्षा: स्वदेशी चिप डिज़ाइन व उत्पादन आवश्यक।
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दीर्घकालिक लक्ष्य:
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घरेलू उपयोग + निर्यात।
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भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाना।
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✦ निष्कर्ष
भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति आत्मनिर्भरता, तकनीकी नेतृत्व और वैश्विक साझेदारी की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। आने वाले वर्षों में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करेगा बल्कि दुनिया को भी Made in India Chips उपलब्ध कराएगा।
✦ धन्यवाद
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