भाग 6: क्रांतिकारी आंदोलन (चयनित घटनाएँ
और व्यक्तित्व)
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व्यक्ति/संगठन |
वर्ष |
संबंधित घटना/तथ्य |
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युगांतर |
1906 (अप्रैल) |
अरबिंदो घोष, बारिन घोष, रास बिहारी बोस आदि ने स्थापित
किया। इन्होंने बम बनाने का गुप्त
कारखाना लगाया। |
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अनुशीलन समिति |
1902 |
सतीश चंद्र बसु ने कलकत्ता में
एक कुश्ती अखाड़े के रूप में स्थापित की। बाद में युगांतर के साथ मिलकर
काम करने लगी। |
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अलीपुर बम केस |
1908 (मई) |
मुजफ्फरपुर में खुदीराम बोस और
प्रफुल्ल चाकी द्वारा जज किंग्सफोर्ड पर बम फेंकने की योजना। अरविंद घोष सहित
सत्रह लोगों का दोष सिद्ध नहीं हुआ। |
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हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन
(HRA) |
1924 (अक्टूबर) |
रामप्रसाद बिस्मिल, योगेश चंद्र चटर्जी, चंद्रशेखर आजाद, शचीन्द्रनाथ सान्याल ने कानपुर
में स्थापित किया। उद्देश्य: सशस्त्र क्रांति से औपनिवेशिक शासन समाप्त करना। |
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काकोरी कांड |
1925 (9 अगस्त) |
HRA के 10 सदस्यों (राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी आदि) ने लखनऊ
के पास ट्रेन में सरकारी खजाना लूटा। |
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नेहरू के राजनीतिक विरोध |
असहयोग आंदोलन स्थगित होने पर
गया अधिवेशन में रामप्रसाद बिस्मिल और उनके साथियों ने गांधीजी का कड़ा विरोध
किया। |
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चंद्रशेखर आजाद |
1906–1931 |
HRA के प्रमुख नेता। 27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मार ली ताकि
अंग्रेजों द्वारा पकड़े न जा सकें। |
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अशफाक उल्ला खान |
1900–1927 |
राम प्रसाद बिस्मिल के गहरे
दोस्त। 19 दिसंबर 1927 को फैजाबाद में फाँसी दी गई। |
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भगत सिंह |
1907–1931 |
1926 में नौजवान भारत सभा की स्थापना की। HRA में समाजवाद जोड़कर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन
एसोसिएशन (HSRA) नाम दिया। |
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सांडर्स हत्याकांड |
1928 |
लाला लाजपत राय की मौत का बदला
लेने के लिए जॉन पी. सांडर्स को गोली मारी। |
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केंद्रीय असेंबली बम कांड |
8 अप्रैल 1929 |
भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने केंद्रीय असेंबली में बम
फेंका। |
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फाँसी |
23 मार्च 1931 |
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर जेल
में फाँसी दी गई। |
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भगत सिंह की विचारधारा |
उन्होंने 'वाई आई एम एन एथीस्ट' (Why I am an Atheist?) नामक लेख लिखा, जिसमें तार्किक रूप से नास्तिक
होने का कारण बताया। |
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