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Friday, October 17, 2025

भाग 8: भारत में राज्यों का पुनर्गठन (स्वतंत्रता के बाद)

 


भाग  8: भारत में राज्यों का पुनर्गठन (स्वतंत्रता के बाद)

आयोग/घटना

वर्ष

मुख्य उद्देश्य/सदस्य

सिफारिशें/परिणाम

एस. के. धर आयोग

जून 1948

एस. के. धर (अध्यक्ष)

भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की आवश्यकता की जाँच करना। प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के गठन की सिफारिश की।

जे. वी. पी. समिति

दिसंबर 1948

जवाहरलाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल, पट्टाभि सीतारमैया

अप्रैल 1949 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के विचार को खारिज कर दिया

आंध्र प्रदेश का गठन

1953 (1 अक्टूबर)

पोट्टी श्रीरामुलु (अनशन के बाद मृत्यु)

मद्रास राज्य के कुछ हिस्सों से तेलुगु भाषी आंध्र प्रदेश राज्य का गठन किया गया।

राज्य पुनर्गठन आयोग

1953 (22 दिसंबर)

फ़ज़ल अली (अध्यक्ष), एच. एन. कुंजरू, के. एम. पणिक्कर

30 सितंबर 1955 को रिपोर्ट प्रस्तुत की। सुझाव दिया कि पूरे देश को 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित किया जाए।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम

1956 (नवंबर)

देश को 14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया।

अन्य राज्य निर्माण

1960-2014

1960 में गुजरात और महाराष्ट्र बनाए गए। 1963 में नागालैंड (16वाँ राज्य)। शाह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1966 में पंजाब से हरियाणा अलग हुआ। 2 जून 2014 को तेलंगाना भारत का 29वाँ राज्य बना।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन

2019

जम्मू और कश्मीर राज्य को दो नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया।