कोशिका (Cell)
v कोशिका जीवन की संरचनात्मक और
क्रियात्मक इकाई है. कोशिका विभिन्न
पदार्थों का वह सबसे छोटा संगठित रूप है, जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें
सामूहिक रूप से जीवन कहा जाता है.
v एक अकेली कोशिका, जैसे बैक्टीरिया या यीस्ट, एक पूर्ण जीव के रूप में कार्य कर सकती है. अंग्रेजी
शब्द सेल लैटिन शब्द 'सेला' से बना है जिसका अर्थ है 'एक छोटा कमरा'.
कोशिका विज्ञान या साईटोलोजी (Cytology)
v कोशिकाओं के वैज्ञानिक अध्ययन को
कोशिका विज्ञान या साइटोलॉजी कहा जाता है. इससे कोशिका की विकृतियों जैसे कैंसर
इत्यादि का निदान करने में सहायता मिलती है. साइटोलॉजी शब्द सबसे पहले ऑस्कर
हर्टविग ने 1892 में दिया था.
v कोशिकाओं का एक ऐसा समूह जो एक
विशिष्ट कार्य को करने के लिए संगठित होता है, उत्तक कहलाता हैं. ऊतकों के अध्ययन
को ऊतक विज्ञान (Histology)
कहते हैं. यह
जीव विज्ञान की एक शाखा है, जो ऊतकों की संरचना, व्यवस्था और कार्यों का अध्ययन करती है.
कोशिका की खोज
v कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने 1665 में एक स्व-निर्मित सूक्ष्मदर्शी से की थी. उन्होंने कॉर्क की पतली काट में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचनायें देखीं और उन्हें "कोशिका" (cell) नाम दिया.
v जीवित माध्यम में कोशिका की खोज का
श्रेय 1683 ई. में एंटोनी वैन लीउवेनहॉक
नामक वैज्ञानिक को जाता है.
कोशिका सिद्धांत (Cell Theory)
v श्लाइडेन और श्वान ने 1839 में कोशिका सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें दो कथन महत्त्वपूर्ण है –
1. सभी जीवों का शरीर एक या एक से
अधिक कोशिकाओं से बना होता है.
2. सभी कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले
से मौजूद कोशिकाओं से ही होती है.
एककोशिकीय और बहुकोशिकीय जीव (Unicellular and Multicellular cell)
v कुछ जीव जैसे बैक्टीरिया एक ही
कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशिकीय जीव (Unicellular) कहते हैं, जबकि कुछ जीव जैसे मानव शरीर कई कोशिकाओं से
बने होते हैं, उन्हें बहुकोशिकीय जीव (Multicellular) कहते हैं.
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिकायें (Prokaryotic and Eukaryotic cells)
v कोशिकायें दो प्रकार की होती हैं
- प्रोकैरियोटिक कोशिकायें और यूकैरियोटिक कोशिकायें
|
प्रोकैरियोटिक कोशिकायें |
यूकैरियोटिक कोशिकायें |
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ये अविकसित कोशिकायें हैं. |
ये सुविकसित कोशिकायें हैं. |
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इसमें केंद्रक झिल्ली और केंद्रक का अभाव होता
है. |
केंद्रक झिल्ली और केंद्रक दोनों पाए जाते हैं. |
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गॉल्जी बॉडी, एंडोप्लाज्मिक
रेटिकुलम और माइटोकॉन्ड्रिया नहीं पाए जाते हैं. |
सभी कोशिकांग सुविकसित होते हैं. |
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श्वसन कोशिका झिल्ली में होता है. |
श्वसन माइटोकॉन्ड्रिया में होता है. |
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समसूत्री विभाजन नहीं होता है. |
समसूत्री विभाजन होता है. |
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लाइसोसोम नहीं पाए जाते हैं. |
लाइसोसोम पाए जाते हैं. |
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यह नीले-हरे शैवाल और बैक्टीरिया में पाया
जाता है. |
यह उच्च श्रेणी के जानवरों और पौधों में पाया
जाता है. |
सबसे बड़ी तथा सबसे छोटी कोशिका
v प्रकृति में सबसे बड़ी कोशिका
शुतुरमुर्ग का अंडा है, जबकि सबसे छोटी कोशिका
माइकोप्लाज्मा गैलिसेप्टिकम कहलाती है.
v सबसे छोटा कोशिकांग राइबोसोम है.
v जंतु कोशिका का सबसे बड़ा
कोशिकांग केंद्रक होता है जबकि पादप कोशिका का प्लास्टिड होता है.
v मानव शरीर की सबसे लंबी कोशिका
न्यूरॉन या तंत्रिका कोशिका होती है.
कोशिकांग (Cell Organelles)
v कोशिकाओं के अंदर पाए जाने वाले
अंगों को कोशिकांग कहते हैं.
v कोशिका/प्लाज्मा झिल्ली (Cell Membrane)
v यह कोशिका का सबसे बाहरी आवरण है,
जो कोशिका के अवयवों को उसके बाहरी वातावरण से अलग करता है. कोशिका झिल्ली एक
अर्ध-पारगम्य जीवित झिल्ली है, जो कोशिका के अंदर और बाहर चुनिंदा पदार्थों के
प्रवेश और निकास की अनुमति देती है.
कोशिका भित्ति (Cell wall)
v यह पादप कोशिकाओं में पाई जाती है.
यह सेल्यूलोज़ से बनी होती है. सेल्यूलोज़ एक पॉलीसैकेराइड कार्बोहाइड्रेट है.
परिवहन
v कोशिका के आर-पार जल, गैस और पोषक तत्वों के आदान-प्रदान को परिवहन
कहते हैं. परिवहन दो प्रकार का होता है - सक्रिय परिवहन और निष्क्रिय परिवहन.
परासरण (Osmosis)
v विलायक (जल) अणुओं का उच्च जल
विभव से निम्न जल विभव की ओर संचलन. कोशिका में जल का परिवहन परासरण द्वारा होता
है.
विसरण (Difusion)
v गैस अणुओं का उच्च सांद्रता वाले
क्षेत्र से निम्न सांद्रता वाले क्षेत्र की ओर संचलन. ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अधिकांश लिपिड विसरण के
माध्यम से कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं और बाहर निकलते हैं.
जीवद्रव्य (Protoplasm)
v जीवद्रव्य कोशिका में पाया जाता
है, जिसे वैज्ञानिक हक्सले ने जीवन का भौतिक आधार बताया है.
v कोशिका भित्ति या कोशिका झिल्ली
के भीतर पाए जाने वाले गाढ़े द्रव को जीवद्रव्य कहते हैं. जीवद्रव्य का नाम
पुरकिंजे ने रखा था.
जीवद्रव्य का संघटन
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जल |
80% |
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प्रोटीन |
15% |
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वसा |
3% |
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कार्बोहाइड्रेट |
1% |
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अकार्बनिक लवण |
1% |
जीवद्रव्य का विभाजन
v जीवद्रव्य दो भागों में विभाजित
किया जा सकता है: कोशिका द्रव्य
और केंद्रक द्रव्य
कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)
v कोशिका द्रव्य जल और लवण से
निर्मित एक जेली जैसा पदार्थ होता है. इसी द्रव्य में सारे कोशिकांग तैरते या डूबे
रहते हैं साथ ही साथ यह कोशिका के आकार को बनाए रखने में भी सहायक होता है.
केंद्रक द्रव्य (Nucleoplasm)
v केंद्रक द्रव्य केंद्रक झिल्ली के
अंदर पाया जाता है. यह एक हल्का पीला तरल पदार्थ है. यह कोशिकाद्रव्य से अधिक
गाढ़ा होता है.
विषाणु (Virus)
v वायरस प्रोटीन से निर्मित एक
कैस्पिड होता है जिसमें जिनेटिक मैटेरियल (DNA या RNA) भरा होता है. लेकिन इनमें जीवित
कोशिका की तरह सेल मेम्ब्रेन, साईटोप्लाज्म तथा सेल ओर्गैनल नहीं होते हैं, इसलिए
इनमें जीवन के लिए आवश्यक तत्वों का अभाव होता है, इसलिए वायरस परपोषी कोशिका के बाहर निष्क्रिय
होते हैं.
v वे केवल तभी "सक्रिय"
हो पाते हैं और अपना क्लोन बना पाते हैं, जब वे किसी जीवित कोशिका को संक्रमित
करते हैं. वायरस अधिक वायरल कण बनाने के
लिए होस्ट सेल के रिसोर्सेज जैसे राइबोसोम और एंजाइमों का उपयोग करते हैं.
केन्द्रक झिल्ली (Nuclear Membrane)
v केन्द्रक झिल्ली, एक बाई-लिपिड परत होती है जो यूकेरियोटिक
कोशिकाओं में केन्द्रक को कवर करती है और उसकी सामग्री को साईटोप्लाज्म से अलग
करती है. इसका मुख्य कार्य आनुवंशिक पदार्थ की रक्षा करना है.
अंतःप्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic Recticulam)
v इंडोप्लाज्मिक रेक्टीकुलम कोशिका के साईटोप्लाज्म के भीतर मेम्ब्रेन का एक
नेटवर्क है जो प्रोटीन और लिपिड के संश्लेषण, प्रसंस्करण और परिवहन के लिए आवश्यक है.
इंडोप्लाज्मिक रेक्टीकुलम के प्रकार -
v यह दो परस्पर जुड़े भागों में
विभाजित होता है: रफ इंडोप्लाज्मिक रेक्टीकुलम (RER) की सतह पर राइबोसोम होते हैं और यह प्रोटीन उत्पादन में शामिल
होता है, और स्मूथ इंडोप्लाज्मिक
रेक्टीकुलम (SER), लिपिड, स्टेरॉयड और कार्बोहाइड्रेट का
उत्पादन करता है.
v इंडोप्लाज्मिक रेक्टीकुलम कोशिका के भीतर ट्रांसपोर्टेशन का कार्य करता है, कोशिका को मैकेनिकल सपोर्ट प्रदान करता है और
कैल्शियम आयनों को स्टोर करता है.
राइबोसोम (Ribosomes)
v राइबोसोम प्रोटीन सिंथेसिस यानी
प्रोटीन निर्माण की फैक्ट्री है. यह मैसेंजर आरएनए (mRNA) पर दर्ज कोड को पढ़कर अमीनो एसिड्स को एक ख़ास
सिक्वेंस में जोड़ता है जिससे पॉलीपेप्टाइड बांड के जरिये प्रोटीन निर्मित होता है.
v यूकेरियोटिक सेल्स में, राइबोसोम साईटोप्लाज्म में तैरते हुए या रफ
इंडोप्लाज्मिक रेक्टीकुलम के उपर स्थित
होते हैं, प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में ये साईटोप्लाज्म
में पाए जाते हैं.
वेंकटरमन रामकृष्णन
v 7 अक्टूबर, 2009 को भारतीय मूल के वैज्ञानिक वेंकटरमन
रामकृष्णन को राइबोसोम के कार्य और संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए थॉमस ए.
स्टीट्ज़ और अदा योनाथ के साथ रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से
सम्मानित किया गया. उनका यह शोध कार्य प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं के विकास में मदद
करेगा.
लाइसोसोम
v लाइसोसोम में शक्तिशाली डाइजेस्टिव
हाइड्रोलाइटिक एंजाइम होते हैं जो वेस्ट मैटेरियल और डेड सेल ओर्गैनल्स को डीकम्पोज
करने में सक्षम होते हैं. यदि किसी कारण से लाइसोसोम फट जाय, तो उसके एंजाइम पूरी कोशिका को डाईजेस्ट कर सकते
हैं. इसलिए लाइसोसोम को " सुसाईड बैग" कहा जाता है. यह सेल्फ डाईजेशन, ऑटोलिसिस कहा जाता है.
वैक्यूल्स या रिक्तिका
v रिक्तिका जल, न्यूट्रीएंट्स और वैस्ट मैटेरियल का स्टोरेज करते
हैं. ये प्लांट सेल में वैक्यूल्स पूरी कोशिका के आयतन का 80% तक भाग घेरती है. प्लांट सेल के वैक्यूल्स के
अंदर के द्रव को सेल सैप कहा जाता है, जिसमें जल, आयन और अन्य कार्बनिक अणु होते
हैं.
v एनिमल सेल में, वैक्यूल्स आमतौर पर छोटी, अधिक संख्या में और अस्थायी होती हैं, जो परिवहन, अपशिष्ट निष्कासन और भंडारण में मदद करती हैं.
ये मेटाबोलिक वैस्ट के लिए "डंप हाउस" का कार्य करती हैं, जिससे कोशिका के शेष भाग को दूषित होने से
बचाया जा सकता है.
माइटोकॉन्ड्रिया
v माइटोकॉन्ड्रिया यूकेरियोटिक
कोशिकाओं में कोशिकांग होते हैं. इन्हें "सेल पावरहाउस" भी कहा जाता है.
v माइटोकॉन्ड्रिया सेलूलर
रेस्पिरेशन के माध्यम एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) यानी जैविक ऊर्जा का उत्पादन करते हैं. यह एनर्जी
ट्रांसफोरमेशन क्रेब्स साईकिल के माध्यम से निर्मित होता है.
v माइटोकॉन्ड्रिया का अपना डीएनए (mtDNA) होता है. ये कैल्शियम भंडारण, संकेतन और कोशिका मृत्यु जैसी अन्य कोशिकीय
प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
v एक कोशिका में उसकी ऊर्जा
आवश्यकताओं के आधार पर सैकड़ों से हज़ारों माइटोकॉन्ड्रिया हो सकते हैं. उच्च
ऊर्जा मांग वाली कोशिकाओं, जैसे मांसपेशी और तंत्रिका
कोशिकाओं, में अधिक माइटोकॉन्ड्रिया होते
हैं.
गॉल्जी बॉडी
v गॉल्जी बॉडी वह कोशिकांग है जो
प्रोटीन और लिपिड को संशोधित, संकुलित और परिवहन करता है. यह चपटी, झिल्ली से घिरी थैलियों से बना होता है
जिन्हें सिस्टर्नी कहते हैं.
v एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम से
प्रोटीन गॉल्जी के सिस फेस में प्रवेश करते हैं, स्टैक से गुजरते हुए संसाधित होते हैं, और फिर ट्रांस फेस से पुटिकाओं में निकलकर
अपने अंतिम गंतव्य, जैसे लाइसोसोम या कोशिका के बाहर
स्राव, तक पहुँचते हैं. वसा का संचय
गॉल्जी उपकरण के अंदर होता है.
प्लास्टिड
v पौधों और शैवालों में
द्वि-झिल्ली-बद्ध अंगक होते हैं जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं, भोजन और वर्णकों का भंडारण करते हैं, और विभिन्न यौगिकों का संश्लेषण करते हैं.
क्लोरोप्लास्ट
v एक प्रकार का प्लास्टिड, सूर्य के प्रकाश को ग्रहण करने और उसे
रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए क्लोरोफिल का उपयोग करता है, जिससे पौधे के लिए भोजन बनता है.
क्रोमोप्लास्ट
v इसमें कैरोटीनॉयड जैसे वर्णक होते
हैं, जो फूलों और फलों को रंग प्रदान
करते हैं जिससे परागणकों को आकर्षित किया जाता है और बीज फैलाव में सहायता मिलती
है.
ल्यूकोप्लास्ट
v ये अवर्णक प्लास्टिड होते हैं जो
पौधे के विभिन्न भागों जैसे जड़ों, कंदों और बीजों में स्टार्च (एमाइलोप्लास्ट के रूप में), लिपिड और प्रोटीन जैसे खाद्य भंडार संग्रहित
करते हैं.
अन्य प्लास्टिड
v कुछ प्लास्टिड, जैसे एलायोप्लास्ट, तेल और वसा के संश्लेषण और भंडारण में
विशेषज्ञ होते हैं, जो ऊर्जा और कोशिका संरचना के लिए
आवश्यक हैं.
केंद्रक (न्युक्लियस)
v न्युक्लियस यूकेरियोटिक सेल्स में
मेम्ब्रेन से कवर एक ओर्गैनल है जिसमे जेनेटिक मैटेरिअल (डीएनए) पाया जाता है.
v यह सबसे बड़ा सेल ओर्गैनल होता है, जो कोशिका के कुल आयतन का लगभग दसवां हिस्सा कवर
करता है.
v यह सेल के कंट्रोल सेंटर के रूप
में कार्य करता है. यह जेनेटिक इंस्ट्रक्शन को संजोता है और डीएनए रेप्लिकेशन और ट्रांसक्रिप्शन
जैसी कोशिका प्रक्रियाओं का प्रबंधन करता है.
क्रोमोसोम (गुणसूत्र)
v गुणसूत्र को अंग्रेजी में
क्रोमोसोम कहते हैं जो शब्द दो शब्दों क्रोमा = विशेषता + सोमा = धागा.
v क्रोमोसोम किसी जीव का जेनेटिक
मैटेरिअल है.
v क्रोमोसोम हमेशा पेयर्स में पाए
जाते हैं. प्रत्येक जीव में क्रोमोसोम की एक निश्चित संख्या होती है जो एक जोड़ी
से लेकर सौ जोड़े तक भिन्न होती है. प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में क्रोमोसोम पेयर्स
में नहीं होते हैं.
v क्रोमोसोम अंग्रेजी अक्षर X के आकार के होते हैं, प्रत्येक क्रोमोसोम दो क्रोमैटिडों से बना
होता है. एक को बायाँ क्रोमैटिड और दूसरे को दायाँ क्रोमैटिड कहा जाता है.
v क्रोमोसोम डीएनए से बने होते हैं
जो हिस्टोन नामक प्रोटीन के चारों ओर कसकर लिपटे होते हैं.
v क्रोमोसोम के प्रत्येक जोड़े को डायपलोयेड
कहा जाता है.
v सबसे अधिक क्रोमोसोम हर्मिट केकड़े
में (127 पेयर्स क्रोमोसोम) होते हैं.
v मनुष्यों के केन्द्रक में 23 पेयर्स क्रोमोसोम जोड़े गुणसूत्र होते हैं, जिनमें
से 22 जोड़े कायिक क्रोमोसोम (ऑटोसोम)
और 23 वाँ पेयर सेक्स क्रोमोसोम होता
है.
जीन
v जीन जिनेटिक्स की सबसे छोटी यूनिट
होती है, अर्थात एक जीन एक गुण को निर्धारित करता है. मनुष्य की प्रत्येक कोशिका
में लगभग 20,000 से 30,000 जीन होते हैं.
v क्रोमोसोम एक लंबा तंतु यानी
फाईबर होता है, जिस पर डी एन ए का एक खास सिक्वेंस
में संयोजित होते हैं. डी एन ए के इस खास सिक्वेंस को जीन कहते है.
डीएनए
v डीएनए, या डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid), डबल हेलिक्स अणु होता है. इसकी दो
लड़ियां डीऑक्सीराइबोज सुगर (पेन्टोज) और फॉस्फोरिक एसिड से बनी होती हैं. ये लड़ियां
चार नाइट्रोजनस बेस (एडेनीन, गुआनिन, साइटोसिन और थाइमिन) के जोड़े से
जुड़ी होती हैं. एडेनीन हमेशा थाइमिन के साथ और गुआनिन हमेशा साइटोसिन के साथ
जुड़ता है.
v डीएनए जेनेटिक्स इन्फोर्मेशन को
एक जेनरेशन से दूसरी जेनेरेशन तक कम्युनिकेट करने में सक्षम होते हैं.
न्यूक्लियर डीएनए एवं माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए
v
अधिकांश डीएनए कोशिका न्यूक्लियस में स्थित होता है, जहाँ इसे न्यूक्लियर डीएनए कहा जाता है, लेकिन
डीएनए की थोड़ी मात्रा माइटोकॉन्ड्रिया में भी पाई जाती है, जहाँ इसे
माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए या mt-DNA कहा जाता है.
आर एन ए (राइबोज न्यूक्लिक एसिड)
v आरएनए प्रोटीन सिंथेसिस में सहायक
होते हैं. आर एन ए एक सिंगल स्ट्रेंडेड न्यूक्लिक एसिड है जो सभी जीवित कोशिकाओं
में पाया जाता है. यह काफी कुछ डी एन ए के समान होता है, लेकिन इसमें डीऑक्सीराइबोज के स्थान पर राइबोज
सुगर और थाइमिन (टी) के स्थान पर यूरैसिल (यू) बेस होता है.
प्रकार और कार्य
v मैसेंजर आरएनए (mRNA): इसका काम केन्द्रक में स्थित डीएनए से
राइबोसोम तक जीन कोड पहुँचाना होता है.
v राइबोसोमल आरएनए (rRNA): यह राइबोसोम का फंक्शनल यूनिट है जो प्रोटीन
निर्माण करता है.
v ट्रांसफर आरएनए (tRNA): एमआरएनए अनुक्रम के आधार पर अनुवाद के
दौरान राइबोसोम में सही अमीनो अम्ल पहुँचाता है.
रेट्रोवायरस
v कुछ वायरस ऐसे होते हैं जिनमें
डीएनए का कार्य आरएनए करते हैं, इस प्रकार के वायरस को रेट्रोवायरस कहा जाता है. जब
ये किसी कोशिका को संक्रमित करते हैं, तो वे अपनी RNA को DNA में बदलने के लिए एक एंजाइम
(रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेस) का उपयोग करते हैं और फिर यह DNA मेजबान कोशिका के DNA में एकीकृत हो जाता है. HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक प्रसिद्ध
रेट्रोवायरस का उदाहरण है.
डीएनए रेप्लिकेशन
v डीएनए अणु की एक समान रेप्लिका बनाने
की प्रक्रिया. यह कोशिका विभाजन से पहले होती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि
संतति कोशिकाओं को जेनेटिक इन्फोर्मेशन का पूरा सेट प्राप्त हो. इसमें डीएनए के डबल
हेलिक्स का खुलना और दो नए डीएनए स्ट्रेंड्स का निर्माण शामिल है.
ट्रांसक्रिप्शन
v प्रोटीन सिंथेसिस का पहला चरण, जहाँ डीएनए के एक खंड से जेनेटिक इन्फोर्मेशन को
एक m-RNA अणु में कॉपी किया जाता है. यह प्रक्रिया कोशिका
के केंद्रक में संपन्न होती है.
रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन
v रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन एक जैविक
प्रक्रिया है जिसमें रिवर्स ट्रांसक्रिपटेस नामक एक एंजाइम, एक आरएनए टेम्पलेट से कोम्पिलीमेंट्री डीएनए
(सीडीएनए) के एक स्ट्रैंड का निर्मित करता है. यह प्रक्रिया स्टैण्डर्ड ट्रांसक्रिप्शन
के विपरीत है, जहाँ डीएनए की आरएनए में रेप्लिका
बनाई जाती है, और यह एचआईवी जैसे रेट्रोवायरस की
रेप्लिका बनाने के लिए आवश्यक है.
ट्रांसलेशन
v प्रोटीन सिंथेसिस का दूसरा चरण, जहाँ mRNA सिक्वेंस को अमीनो एसिड्स के एक विशिष्ट सिक्वेंस का निर्माण करने
के लिए डिकोड किया जाता है. यह प्रक्रिया राइबोसोम पर साईटोप्लाज्म में होता है.
पॉलीपेप्टाइड चैन बनाने के लिए आनुवंशिक कोड का उपयोग करता है.
आनुवंशिक कोडिंग और कोडॉन
v नियमों का वह समूह जिसके द्वारा
आनुवंशिक पदार्थ (डीएनए या आरएनए अनुक्रम) में एन्कोड की गई जानकारी जीवित
कोशिकाओं द्वारा प्रोटीन में अनुवादित की जाती है.
v कोडॉन: एक mRNA अणु में तीन न्यूक्लियोटाइडों का एक अनुक्रम
जो अनुवाद के दौरान एक विशिष्ट अमीनो अम्ल या एक विराम संकेत से मेल खाता है.
आनुवंशिक कोड कोडॉन की एक श्रृंखला में पढ़ा जाता है, जिसमें प्रत्येक कोडॉन एक विशिष्ट अमीनो अम्ल
निर्दिष्ट करता है.
